लालकिला में बनकर तैयार ‘यादें जलियां’

Edited By vasudha,Updated: 21 Jan, 2019 10:58 AM

ready to make jallian memories in red fort

अब यदि आप लालकिला घूमने जाएंगे तो मुगलकाल के इतिहास के साथ ही अपने बच्चों को जलियांवाला बाग के शहीदों के नाम भी बता पाएंगे...

नई दिल्ली(अनामिका सिंह): अब यदि आप लालकिला घूमने जाएंगे तो मुगलकाल के इतिहास के साथ ही अपने बच्चों को जलियांवाला बाग के शहीदों के नाम भी बता पाएंगे। इतना ही नहीं किस तरह से जनरल डायर ने निहत्थे लोगों पर अपने 150 सैनिकों के साथ गोलियां बरसाईं थीं और जान बचाने के लिए महिलाओं और बच्चों को इस बाग में बने कुंए में कूदना पड़ा था, इस पूरे घटनाक्रम पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने एक फिल्म बनाई है। जोकि पर्यटकों का ज्ञानवर्धन करने के लिए यहां चलाया जाएगा। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि इस म्यूजियम का उद्घाटन 23 जनवरी 2019 को किया जाना लगभग तय है। इसके साथ ही अन्य 4 म्यूजियम भी लालकिले में लगभग बनकर तैयार हैं। बता दें कि एएसआई ऐसा ही म्यूजियम जलियांवाला बाग में भी बना रहा है।

बता दें कि 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में रौलेक्ट एक्ट का विरोध किया जा रहा था लेकिन बैसाखी का त्यौहार होने की वजह से अमृतसर गुरूद्वारा नजदीक होने से इस बाग में महिलाओं, बच्चों व अन्य श्रद्धालुओं की भारी संख्या थी। बिना पूरी जानकारी के जनरल डायर ने उन पर गोलियां बरसा दीं, जिसे अंग्रेजी हुकूमत के काले अध्याय से भी जोड़ा जाता है। इस साल यानि 13 अप्रैल 2019 को इस घटना का शताब्दी वर्ष मनाया जाएगा। इन शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए एएसआई ने लालकिला परिसर के भीतर एक म्यूजिम का निर्माण किया है जिसका नाम यादें जलिया रखा गया है। इस म्यूजियम में उन सभी लोगों के नाम लिखे जाएंगे जो इस हत्याकांड में मारे गए थे। इसके साथ ही जलियांवाला बाग हत्याकांड पर बनी फिल्म भी यहां पर्यटकों को दिखाई जाएगी।

आजादी के दीवाने: आजादी के दीवाने म्यूजियम में उन क्रांतिकारियों के बारे में जानकारी दी जाएगी जो इतिहास के पन्नों में कहीं भी वर्णित नहीं किए गए हैं, लेकिन उनका योगदान आजादी की लड़ाई में प्रमुख रहा है, ऐसे साहसी दीवानों की पेंटिंग व पत्थर पर नाम लिखकर पर्यटकों को जानकारी देने की कोशिश एएसआई कर रहा है। 

दृश्यकला म्यूजियम: दृश्यकला म्यूजियम में ब्रिटिशकाल के इतिहास के साथ ही उस दौरान बनाई गई पेंटिंग को प्रदर्शित किया जाएगा। सही मायने में यह ब्रिटिशकाल के दौरान बनाई गई पेंटिंग का म्यूजियम है। जोकि ब्रिटिश सेना के युद्धों को चित्रित करने के साथ ही उनकी शान को प्रदर्शित करेगा।

1857 : भारत की स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम
लालकिले में बनाया जाने वाला दूसरा बड़ा म्यूजियम है 1857: भारत की स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम। इस म्यूजियम में 1857 की क्रांति के वीरों के नाम सहित उस समय प्रयोग में लाए गए हथियार, युद्ध के वस्त्र व अन्य वस्तुओं को रखा जाएगा। साथ ही डाक्यूमेंट्री फिल्म भी चलाई जाएगी।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस : आजाद हिंद फौज
इस म्यूजियम में आजाद हिंदफौज के वस्त्र, हथियार, लेख सहित इतिहास का वर्णन किया जाएगा। इसके साथ ही आजादी की लड़ाई में आजाद हिंद फौज व नेताजी की प्रमुखता को पर्यटकों को बताने के लिए फिल्म भी दिखाई जाएगी। यही नहीं, आजाद हिंद फौज के प्रमुख कमांडरों के बारे में भी पर्यटक जान सकेंगे।

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