Edited By vasudha,Updated: 25 Jun, 2018 08:06 PM
रोहतक, सोनीपत और गाजियाबाद में दिसंबर 1996 से दिसंबर 1997 के बीच 20 बम विस्फोटों में पांच लोगों की मौत मामले में झूठे फंसाए गए मोहम्मद आमिर खान का कहना है कि उनकी जिंदगी शाहरुख खान और प्रिटी जिंटा अभिनीत फिल्म ‘वीर-जारा’ से कम नहीं है...
नई दिल्ली: रोहतक, सोनीपत और गाजियाबाद में दिसंबर 1996 से दिसंबर 1997 के बीच 20 बम विस्फोटों में पांच लोगों की मौत मामले में झूठे फंसाए गए मोहम्मद आमिर खान का कहना है कि उनकी जिंदगी शाहरुख खान और प्रिटी जिंटा अभिनीत फिल्म ‘वीर-जारा’ से कम नहीं है। आमिर को इस मामले में फंसने के बाद जेल से बाहर निकलने में 14 साल लग गये। बरी होने से पहले आमिर ने आतंक के आरोप झेले और लंबा वक्त जेल की सलाखों के पीछे गुजारा। लेकिन इस दौरान प्रेमिका आलिया के प्यार ने उनके जख्मों पर मरहम का काम किया।
आमिर ने एक पाकिस्तानी लड़की और जेल में बंद एक भारतीय व्यक्ति के दशकों बाद फिर से मिलने की कहानी वाली फिल्म को याद करते हुए कहा कि आलिया ने मुझे नहीं छोड़ा। मैं लोगों को बताता रहूंगा कि हमारी प्रेम कहानी शाहरुख खान-प्रिटी जिंटा की ‘वीरजारा’ की असल जिंदगी का संस्करण है।
दो दशक पहले परवान चढ़ा था प्यार
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने आमिर को अपनी तरह के पहले मुआवजे के तहत पांच लाख रुपए देने का फैसला किया था। अब आमिर ने शादी कर ली है और उनकी चार साल की एक बेटी है। आमिर और आलिया का प्यार दो दशक से भी पहले परवान चढ़ा था जब वे दिल्ली में एक ही ट्यूशन क्लास में साथ जाते थे। लेकिन दो युवा दिलों की कहानी में 1998 में फरवरी की रात को मोड़ आ गया जब उस समय 18 साल के छात्र रहे आमिर का पुरानी दिल्ली की एक सड़क से पुलिस ने ‘अपहरण’ कर लिया।
वर्ष 2012 में 14 साल बाद जब वह 32 साल की उम्र में रोहतक जेल से निकला, उसके बचपन का प्यार तब भी उसका इंतजार कर रही थी। आमिर ने दिल्ली और गाजियाबाद की जेलों में भी समय काटा। मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली सरकार से आतंकवादी के रूप में आमिर को गलत तरीके से कैद रखने पर उसे पांच लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा।