Edited By Anu Malhotra,Updated: 12 Oct, 2021 02:11 PM
देश में कोयला आपूर्ति में गिरावट से जहां देश के कई राज्यों में बिजली संकट गहराया हुआ है वहीं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और साफ शब्दों में कहा कि देश में ना बिजली की कमी थी, न है और न होगी। हालांकि, उन्होंने भी...
नई दिल्ली- देश में कोयला आपूर्ति में गिरावट से जहां देश के कई राज्यों में बिजली संकट गहराया हुआ है वहीं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और साफ शब्दों में कहा कि देश में ना बिजली की कमी थी, न है और न होगी। हालांकि, उन्होंने भी यह स्वीकार किया है कि पहले बिजली उत्पादन कंपनियों के पास 17 दिनों का कोयला भंडार हुआ करता था जो घटकर 4 दिनों का रह गया।
वहीं, कोयला मंत्रालय ने इस संकट के पीछे कारण के बारे में जानकारी दी है उनके मुताबिक...
पहला कारण- भारी बारिश की वजह से खदान से कोयला निकालने और सप्लाई करने की प्रक्रिया बाधित हुई।
दूसरा कारण- अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत बढ़ने से आयात करना हुआ मुश्किल।
तीसरा कारण-महामारी में बंद पड़ी फैक्टरियां तेजी से खुलीं, जिससे अचानक डिमांड बढ़ी।
चौथा कारण- सरकार ने 2 करोड़ 82 लाख घरों को बिजली सप्लाई से जोड़ा, जिससे खपत बढ़ी।
बता दें कि 135 थर्मल पावर स्टेशन में से 115 पावर स्टेशनों में कोयले की क्रिटिकल और सुपर क्रिटिकल शॉर्टेज है। उनके पास तय मानकों को हिसाब से कोयला नहीं है।
दिवाली अंधेरे में ही तो नहीं मनेगी?
ऐसे में संदेह है कि क्या रोशनी के त्योहार दिवाली में जब मांग बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी तब बिजली की पर्याप्त आपूर्ति हो पाएगी या नहीं। ऐसे में देश वासियों के लिए एक चिंता यह भी है कि दिवाली अंधेरे में ही तो नहीं मनेगी?
बिजली संकट को लेकर कई राज्यों ने केन्द्र के सामने अपनी चिंता ज़ाहिर की
बता दें कि कोयला संकट के चलते कई राज्यों ने ब्लैकआउट की आशंका जताई है। इस मुद्दे को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी और ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के साथ कल बैठक भी की है। बिजली संकट को लेकर कई राज्यों ने केन्द्र के सामने अपनी चिंता ज़ाहिर की है, हालांकि केन्द्र सरकार ने इस तरह की आशंकाओं को निराधार बताते हुए कहा है कि देश में कोयले की कोई कमी नहीं और थर्मल पावर प्लांट्स को पर्याप्त कोयले की सप्लाई की जाएगी।