'एक देश, एक चुनाव' पर विधि आयोग की राय, सख्त कानूनी ढांचे की सिफारिश

Edited By Yaspal,Updated: 19 Jun, 2019 07:36 PM

recommendation of law commission on one country one election

लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की सरकार की राय के बीच विधि आयोग ने इस तरह की विशाल कवायद के लिए सख्त कानूनी ढांचे की सिफारिश की है। आयोग द्वारा पिछले साल अगस्त में की गयी मसौदा सिफारिशों में...

नई दिल्लीः लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की सरकार की राय के बीच विधि आयोग ने इस तरह की विशाल कवायद के लिए सख्त कानूनी ढांचे की सिफारिश की है। आयोग द्वारा पिछले साल अगस्त में की गयी मसौदा सिफारिशों में संविधान और जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन की बात की थी ताकि एक साथ चुनाव सुनिश्चित हो सकें।

आयोग ने की थी सिफारिश
आयोग ने सिफारिश की थी कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव दो चरणों में कराए जा सकते है बशर्ते संविधान के कम से कम दो प्रावधानों में संशोधन किए जाएं और बहुमत से राज्यों द्वारा उनका अनुमोदन किया जाए।

संविधान में होगी सशोधन की जरूरत
आयोग के विचार से सहमति जताते हुए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी एस कृष्णमूर्ति ने कहा कि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का विचार काफी आकर्षक है, लेकिन जन प्रतिनिधियों के लिए निर्धारित कार्यकाल की खातिर संवैधानिक संशोधन के बिना इसे लागू नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' के मुद्दे पर बुधवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुखों के साथ चर्चा की, जिनके लोकसभा या राज्यसभा में कम से कम एक सांसद हैं।

कृष्णमूर्ति ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने के लिए चुनाव ड्यूटी की खातिर अर्धसैनिक बलों की क्षमता बढ़ाने सहित कई प्रशासनिक व्यवस्थाएं आवश्यक हो सकती हैं, लेकिन वे संभव हैं। उन्होंने कहा कि इस विचार के कई फायदे हैं। लेकिन इसके कार्यान्वयन में सबसे बड़ी बाधा अविश्वास प्रस्ताव और संबंधित मुद्दों से संबंधित संवैधानिक प्रावधान हैं।

 

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