Edited By shukdev,Updated: 18 Dec, 2018 11:21 PM
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को कहा कि सरकार तथा आरबीआई के संबंध ‘पति-पत्नी’ की तरह हैं और विचारों में मतभेद का समाधान इस रूप से होना चाहिए जिससे दोनों संस्थान तालमेल के साथ काम कर सकें। उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है कि जब रिजर्व बैंक...
नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को कहा कि सरकार तथा आरबीआई के संबंध ‘पति-पत्नी’ की तरह हैं और विचारों में मतभेद का समाधान इस रूप से होना चाहिए जिससे दोनों संस्थान तालमेल के साथ काम कर सकें। उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है कि जब रिजर्व बैंक के आरक्षित धन के स्तर तथा लघु एवं मझोले उद्यमों के लिए कर्ज के नियम आसान बनाने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्रीय बैंक तथा वित्त मंत्रालय के बीच मतभेदों की चर्चा के बीच उर्जित पटेल ने आरबीआई के गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया।
‘चेंजिंग इंडिया’ शीर्षक के साथ प्रकाशित छह खंड की अपनी पुस्तक के विमोचन समारोह में सिंह ने कहा कि रिजर्व बैंक की स्वायत्तता तथा स्वतंत्रता का सम्मान होना चाहिए। सिंह आरबीआई के पूर्व गवर्नर भी रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘साथ ही मैं यह भी कहूंगा कि सरकार तथा आरबीआई के बीच का रिश्ता पति-पत्नी के रिश्ते जैसा है। मतभेद हो सकते हैं लेकिन उसका समाधान इस रूप से होना चाहिए जिससे दोनों संस्थान सामंजस्यपूर्ण तरीके से काम कर सके।’ पटेल के इस्तीफे के बाद सरकार ने आॢथक मामलों के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास को गवर्नर नियुक्त किया।
सिंह ने कहा, ‘जो भी आरबीआई के गवर्नर हैं, मैं उन्हें शुभकामना देता हूं।’ पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें एक मजबूत और स्वतंत्र आरबीआई की जरूरत है जो केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करे। उन्होंने कहा, ‘मैं उम्मीद और प्रार्थना करता हूं कि सरकार तथा आरबीआई साथ मिलकर काम करने का रास्ता निकाले।’ मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों द्वारा कृषि ऋण माफी की घोषणा से जुड़े सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, ‘हमें चुनावी घोषणा-पत्र में जताई गई प्रतिबद्धता का सम्मान करना है।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रभाव के बारे में अध्ययन नहीं किया है लेकिन चूंकि प्रतिबद्धता जताई गई है, अत: हमें उसका सम्मान करना है।’