रिलायंस ने कांग्रेस प्रवक्ता सिंघवी पर ठोका 5000 करोड़ का मुकद्दमा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Dec, 2017 03:11 AM

reliance has filed a rs 5000 crore lawsuit against congress spokesperson singhvi

रिलायंस (अनिल अंबानी समूह) ने कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी के खिलाफ 5,000 करोड़ रुपए (78 करोड़ डॉलर) की मानहानि का मुकद्दमा दायर किया है और उन पर ‘निराधार, अपमानजनक और झूठे’ वक्तव्य देने का आरोप लगाया। जानकारी के अनुसार मानहानि का यह मुकद्दमा...

अहमदाबाद(अनस): रिलायंस (अनिल अंबानी समूह) ने कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी के खिलाफ  5,000 करोड़ रुपए (78 करोड़ डॉलर) की मानहानि का मुकद्दमा दायर किया है और उन पर ‘निराधार, अपमानजनक और झूठे’ वक्तव्य देने का आरोप लगाया। 

जानकारी के अनुसार मानहानि का यह मुकद्दमा 30 नवम्बर को भारत सरकार के राफेल डील और रिलायंस कम्युनिकेशन को लेकर दिए गए बयान के खिलाफ  दर्ज करवाया गया है। इससे पहले रिलायंस के एक प्रवक्ता ने कहा था कि अभिषेक सिंघवी ने समूह के खिलाफ  झूठा, अपमानजनक और निंदनीय बयान दिया है। हम इस तरह के झूठे और अपमानजनक बयान को लेकर सिंघवी के खिलाफ 5,000 करोड रुपए का मानहानि मुकद्दमा दर्ज करेंगे। 

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस प्रवक्ता सिंघवी ने दावा किया था कि सरकार ने जानबूझ कर ऋण नहीं लौटाने वालों का 1.88 लाख करोड़ रुपए का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि शीर्ष 50 कम्पनियों पर बैंकों का 8.35 लाख करोड़ रुपए का बकाया है और उनमें से गुजरात की 3 कम्पनियों रिलायंस (अनिल अंबानी समूह), अडानी तथा एस्सार पर 3 लाख करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। सिंघवी ने कहा कि उनमें से एक ने पिछले महीने सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि वह अपना दूरसंचार कारोबार बंद करेगी जिस पर बैंकों का 45,000 करोड़ रुपए का बकाया है। 

2 निजी कम्पनियों का द्विपक्षीय समझौता, सरकार का कोई लेना-देना नहीं: रिलायंस
रिलायंस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि रिलायंस एरोस्ट्रक्चर लिमिटेड और डसॉल्ट एविएशन के बीच हुआ ज्वांइट वैंचर 2 निजी कम्पनियों के बीच का एक द्विपक्षीय समझौता है। इसमें डसॉल्ट एविएशन ने रिलायंस एरोस्ट्रक्चर लिमिटेड को अपना ज्वाइंट वैंचर सांझीदार चुना है। इसमें भारत सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। रिलायंस डिफैंस लिमिटेड ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। 

बिना मंजूरी के सबसे बड़े डिफैंस डील की इजाजत कैसे: राहुल
इससे पहले राहुल गांधी ने भी राफेल डील को लेकर पी.एम. मोदी पर हमला किया था और कहा था कि पी.एम. अपने उद्योगपति दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए इस डील पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा था कि 8.7 बिलियन डॉलर की इस डील में पी.एम. का खुद का हित है। वहीं, राहुल गांधी ने पूछा कि आखिर भारत के अब तक के सबसे बड़े डिफैंस डील को कैबिनेट, सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमेटी और फॉरेन इंवैस्टमैंट प्रोमोशन बोर्ड की बिना मंजूरी के कैसे इजाजत दे दी गई।

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