किडनी तथा लिवर को खराब करती है रेमेडिसविर! गुजरात सरकर ने इसके खतरे को लेकर किया अलर्ट

Edited By vasudha,Updated: 12 Apr, 2021 02:23 PM

remedisvir is not safe

कोरोनो इलाज में प्रभावी माने जाने वाली एंटी वायरल इंजेक्शन रेमडेसिविर को लेकर कइ सवाल खड़े हो गए हैं। इसके निर्यात पर रोक लगाने की बीच दावा किया जा रहा है कि इस इंजेक्शन में साइक्लोडेक्ट्रीन है जो किडनी तथा लिवर को खराब कर सकता है। दरसअल गुजरात...

नेशनल डेस्क: कोरोनो इलाज में प्रभावी माने जाने वाली  एंटी वायरल इंजेक्शन रेमडेसिविर को लेकर कइ सवाल खड़े हो गए हैं। इसके निर्यात पर रोक लगाने की बीच दावा किया जा रहा है कि इस  इंजेक्शन में साइक्लोडेक्ट्रीन है जो किडनी तथा लिवर को खराब कर सकता है। दरसअल गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति पर स्वत:संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका की कार्रवाही शुरू की, जिसके जवाब में सरकार ने यह दावा किया।

गुजरात उच्च न्यायालय ने उठाया सवाल
कोर्ट ने कहा कि  मीडिया में महामारी को लेकर आई खबरों में यह संकेत दिया गया था कि प्रदेश 'स्वास्थ्य आपातकाल जैसी स्थिति' की तरफ बढ़ रहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने सवाल किया कि कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए प्रयोग होने वाले रेमेडिसविर इंजेक्‍शन इतनी अधिक कीमत पर क्‍यों बेचे जा रहे हैं। याद हो कि कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के कारण रेमडेसिविर की मांग बढ़ने के मद्देनजर केन्द्र ने रविवार को कहा कि वायरल रोधी इंजेक्शन और इसकी सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) के निर्यात पर स्थिति में सुधार होने तक रोक लगा दी गई है।


 रेमेडिसविर की कालाबाजारी रोकेने के लिए निर्देश जारी
 केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा किदवा की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए रेमडेसिविर के सभी घरेलू निर्माताओं को अपने विक्रेताओं और वितरकों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करने की सलाह दी गई है। औषधि निरीक्षकों और अन्य अधिकारियों को भंडार को सत्यापित करने, कदाचारों की जांच करने और इसकी जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के लिए अन्य प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये गये है। राज्यों के स्वास्थ्य सचिव संबंधित राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के औषधि निरीक्षकों के साथ इसकी समीक्षा करेंगे।


 रेमडेसिविर की बढ़ रही है मांग
 मंत्रालय ने कहा कि भारत में कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे है।  इससे कोविड मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग तेजी से बढ़ी है।आने वाले दिनों में इसकी मांग में और बढ़ोतरी हो सकती है। मंत्रालय ने कहा कि सात भारतीय कंपनियां मेसर्स गिलीड साइंसेज, अमेरिका, के साथ स्वैच्छिक लाइसेंसिंग समझौते के तहत इंजेक्शन का उत्पादन कर रही हैं। उनके पास प्रति माह लगभग 38.80 लाख इकाइयों को बनाने की क्षमता है। भारत सरकार ने स्थिति में सुधार होने तक रेमडेसिविर और इसकी सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) के निर्यात पर स्थिति में सुधार होने तक रोक लगा दी गई है।'' मंत्रालय ने कहा कि फार्मास्युटिकल विभाग दवा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए घरेलू निर्माताओं के साथ संपर्क में है।

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