भारत सहित 72 देशों में समलैंगिकता है अपराध, यहां मिलती है सजा-ए-मौत

Edited By Tanuja,Updated: 11 Jul, 2018 05:29 PM

report gay relationships are still criminalised in 72 countries

पूरे विश्व में समलैंगिकता को लेकर बहस छिड़ी हुई है। कई देश इस मुद्दे पर अलग बिल पास कर इस वर्ग को पुरुषों और महिलाओं के समान अधिकार देने के पक्ष में है तो कई देशों में समलैंगिक रिश्तों को अपराध माना जा रहा है...

इंटरनैशनल डैस्कः पूरे विश्व में समलैंगिकता को लेकर बहस छिड़ी हुई है। कई देश इस मुद्दे पर अलग बिल पास कर इस वर्ग को पुरुषों और महिलाओं के समान अधिकार देने के पक्ष में है तो कई देशों में समलैंगिक रिश्तों को अपराध माना जा रहा है। भारत भी दुनिया के उन देशों में शामिल जहां समलिंगी होना अपराध माना जाता है। इस मुद्दे पर एक बार फिर भारत में  बहस छिड़ गई है। अचानक इस मुद्दे के सामने आने की वजह भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 के प्रावधानों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का शुरू होना है।
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आईपीसी की इस धारा के तहत भारत में समलैंगिकता को अपराध माना गया है। इसके दोषियों के लिए 14 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक का प्रावधान किया गया है। लेकिन, भारत एकमात्र देश नहीं है जहां समलैंगिकता को अपराध माना गया है। दुनिया के 72 देशों में समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। कुछ देशों में तो इसके लिए मौत की सजा का भी प्रावधान   है। खासकर अरब देशों में समलैंगिक संबंधों के दोषियों के लिए बेहद कठोर दंड का प्रावधान है।
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इंटरनेशनल लेस्बियन, गे, बाईसेक्सुअल, ट्रांस एंड इंटरसेक्स एसोसिएशन की साल 2017 की वार्षिक रिपोर्ट में इससे जुड़े आंकड़े दिए दिए गए हैं। इसके मुताबिक, समलैंगिकता के खिलाफ 8 देशों में सजा-ए-मौत की व्यवस्था की गई है। पांच अन्य देशों में भी इसके लिए तकनीकी तौर पर मृत्युदंड का प्रावधान है, लेकिन एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार, इन देशों में कभी इसे अमल में नहीं लाया गया।  बड़े अरब देशों में समलैंगिकता को लेकर बेहद सख्त प्रावधान हैं। ईराक और सूडान के अलावा ईरान और सऊदी अरब जैसे देशों में समलैंगिकता के दोषियों के लिए मौत की सजा की व्यवस्था की गई है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और मौरीतानिया में भी तकनीकी तौर पर (शरिया कानून की व्याख्या के अनुसार) इस अपराध के लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है।

भारत में भी इसके लिए बेहद सख्त सजा की व्यवस्था की गई है। हालांकि, विश्व के विकसित देशों में समलैंगिक संबंधों को कानूनी तौर पर स्वीकार कर लिया गया है। अमेरिका, इंग्लैंड और कनाडा जैसे देशों में समलैंगिक वैवाहिक संबंधों को कानूनी मान्यता दे दी गई है। लैटिन अमरीकी देशों ब्राजील और अर्जेंटिना जैसे देशों में भी समलैंगिक संबंध को कानूनी बना दिया गया है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया में पार्टनरशिप को मान्यता दे दी गई है।

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