कांग्रेस बोली: दिल्ली हिंसा से खराब हुई देश की छवि, इस्तीफा दें गृहमंत्री

Edited By shukdev,Updated: 09 Mar, 2020 05:51 PM

report submitted to sonia on delhi riots demand for action on mishra

दिल्ली हिंसा की जांच करने गए कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और कहा है कि केंद्र तथा दिल्ली सरकार की विफलता के कारण दंगे हुए हैं इसलिए सच्चाई सामाने लाने के लिए उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के...

नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा की जांच करने गए कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और कहा है कि केंद्र तथा दिल्ली सरकार की विफलता के कारण दंगे हुए हैं इसलिए सच्चाई सामाने लाने के लिए उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में दंगों की जांच कराने के आदेश दिए जाने चाहिए। प्रतिनिधि मंडल ने कहा है कि लोगों से बातचीत के दौरान यह खुलासा हुआ है कि दंगों की वजह भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के भड़काऊ बयानों की अहम भूमिका रही है इसलिए जनता को भड़काऊ बयान देने वाले भाजपा नेता कपिल मिश्रा,अनुराग ठाकुर तथा प्रवेश वर्मा के विरुद्ध तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर इन तीनों नेताओं के खिलाफ सख्त कारर्वाई की जानी चाहिए। 

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सोनिया गांधी को उनके आवास पर दिल्ली हिंसा की जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद प्रतिनिधि मंडल में शामिल पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक, शक्ति सिंह गोहिल, तारिक अनवर तथा सुष्मिता देव ने सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने पाया कि लोग लड़ना नहीं चाहते थे लेकिन उनको भड़काया और उकसाया गया जिसके कारण यह दंगे हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दंगों के लिए जिम्मेदारी ठहराते हुए उन्होंने कहा कि इस हिंसा को रोकने में गृह मंत्री के तौर पर शाह की भूमिका पूरी तरह से गैर जिम्मेदाराना रही है इसलिए उन्हें पद से तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि पार्टी शुरू से ही उन्हें इन दंगों के लिए जिम्मेदार मानती है इसलिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर उन्हें हटाने का पार्टी ने आग्रह किया। कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने श्री केजरीवाल की भी आलोचना की और कहा कि दिल्ली के लोगों ने हाल में हुए विधानसभा चुनाव में उन पर जबरदस्त विश्वास व्यक्त किया लेकिन श्री केजरीवाल ने दिल्ली की जनता की हिफाजत के लिए जिम्मेदारी से काम नहीं किया। नागरिक प्रशासन दिल्ली सरकार के पास था लेकिन श्री केजरीवाल की सरकार ने दंगों की स्थिति से निपटने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाए और दिल्ली सरकार पीड़तिों को राहत देने में पूरी तरह से असफल रही।

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