Edited By Yaspal,Updated: 19 Jun, 2019 08:34 PM
देश में हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के दौरान विभिन्न मीडिया घरानों ने बड़े पैमाने पर पक्षपातपूर्ण खबरों का प्रकाशन किया। एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल महीने के दौरान देश में विभिन्न मीडिया घरानों की चुनाव से संबंधित 40 प्रतिशत खबरें...
मुंबईः देश में हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के दौरान विभिन्न मीडिया घरानों ने बड़े पैमाने पर पक्षपातपूर्ण खबरों का प्रकाशन किया। एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल महीने के दौरान देश में विभिन्न मीडिया घरानों की चुनाव से संबंधित 40 प्रतिशत खबरें पक्षपात से प्रभावित रहीं।
इंग्लैंड में स्थित स्टार्टअप ने चुनाव के दौरान खबरों की प्रामाणिकता परखने के लिये कृत्रिम मेधा पर आधारित परीक्षण किया। उसने रिपोर्ट में कहा कि फर्जी खबरों के मामले में मीडिया घरानों का प्रदर्शन कुछ बेहतर रहा और अप्रैल के दौरान 85 प्रतिशत खबरें सही पायी गयीं।
लॉजिकली के संस्थापक लिरिक जैन ने पीटीआई भाषा को बुधवार को फोन पर बताया, ‘‘मीडिया द्वारा सजगता से ऐसे तथ्यों का चयन किया गया जो गलत तो नहीं थे लेकिन पक्षपात से ग्रसित थे।'' अध्ययन में अप्रैल महीने में चुनाव से संबंधित प्रकाशित हुईं 1.68 लाख खबरों का अध्ययन किया गया। जांच में पाया गया कि इनमें से 50 हजार खबरें यानी 40 प्रतिशत खबरें पक्षपात से प्रभावित थीं।
जैन ने फर्जी खबरों के बारे में कहा कि कुल मिलाकर 9.5 लाख खबरों का अध्ययन किया गया। इनमें से 33 हजार खबरें फर्जी पायी गयीं तथा 1.33 लाख खबरें अविश्वसनीय रहीं। जैन ने कहा कि उनकी स्टार्टअप कंपनी ने एक ऐसा एल्गोरिद्म विकसित किया है जो विभिन्न स्रोतों का इस्तेमाल कर फर्जी खबरों की पहचान करता है।