राज्यसभा में बढ़ा महिला सांसदों का प्रतिनिधित्व, पहली बार 30 के पार पहुंची संख्या

Edited By Yaspal,Updated: 10 Jun, 2022 10:32 PM

representation of women mps increased in rajya sabha

राज्यसभा की 57 सीटों के लिए शुक्रवार को संपन्न हुए द्विवार्षिक चुनावों के बाद संसद के उच्च सदन में महिला सदस्यों की संख्या अब 32 हो जाएगी। इनके शपथ लेने के साथ ही राज्यसभा में महिलाओं के प्रतिनिधित्व का एक नया रिकार्ड भी बन जाएगा। राज्यसभा में इससे...

नई दिल्लीः राज्यसभा की 57 सीटों के लिए शुक्रवार को संपन्न हुए द्विवार्षिक चुनावों के बाद संसद के उच्च सदन में महिला सदस्यों की संख्या अब 32 हो जाएगी। इनके शपथ लेने के साथ ही राज्यसभा में महिलाओं के प्रतिनिधित्व का एक नया रिकार्ड भी बन जाएगा। राज्यसभा में इससे पहले 2014 में महिला सदस्यों की सर्वाधिक संख्या 31 थी।

उच्च सदन के सेवानिवृत्त हो रहे 57 सदस्यों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी सहित पांच महिला सदस्य शामिल हैं। इन दोनों के अलावा सेवानिवृत्त हो रही महिला सदस्यों में छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की छाया वर्मा, मध्य प्रदेश से भाजपा की सम्पतिया उइके और बिहार से राष्ट्रीय जनता दल की मीसा भारती हैं। इन पांच महिला नेत्रियों में सीतारमण और मीसा भारती ही ऐसी हैं, जिनकी फिर से उच्च सदन में वापसी हो गई है।

सीतारमण कर्नाटक से तो भारती बिहार से फिर से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुई हैं। छाया वर्मा, उइके और सोनी को उनकी पार्टियों की ओर से उम्मीदवार नहीं बनाया गया था। राज्यसभा की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक सेवानिवृत्त हो रही पांच महिला सदस्यों को मिलाकर वर्तमान में राज्यसभा के कुल 232 सदस्यों में महिला सदस्यों की कुल संख्या 27 है। इनमें 10 महिला सदस्य भाजपा की हैं।

वर्तमान में राज्यसभा में सात मनोनीत सदस्यों सहित सहित कुल 13 रिक्तियां हैं। इस बार के चुनाव में सीतारमण और भारती सहित 10 महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। इनमें से आठ महिलाएं पहली बार राज्यसभा पहुंची हैं। इस प्रकार राज्यसभा में महिला सदस्यों की कुल संख्या में पांच का इजाफा हुआ है और इसके साथ ही उनकी संख्या 32 हो गई है।

चुनाव जीतकर पहली बार राज्यसभा पहुंचने वाली महिला सदस्यों में उत्तर प्रदेश से भाजपा की संगीता यादव और दर्शना सिंह, झारखंड से झारखंड मुक्ति मोर्चा व राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष महुआ मांझी, छत्तीसगढ़ से रंजीत रंजन, ओड़िशा से बीजू जनता दल की सुलता देव, मध्य प्रदेश से भाजपा की सुमित्रा वाल्मिकी और कविता पाटीदार तथा उत्तराखंड से कल्पना सैनी शामिल हैं।

राज्यसभा के उपसभापति एम वेंकैया नायडू ने 17 नवंबर 2019 को उच्च सदन के ऐतिहासिक 250वें सत्र के पहले हुई सर्वदलीय बैठक में कहा था कि राज्‍यसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्‍व 1952 में 15 (6.94 प्रतिशत) से बढ़कर 2014 में 31 (12.76 प्रतिशत) और 2019 में 26 (10.83 प्रतिशत) हो गया है। निर्वाचन आयोग ने हाल ही में 57 राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव की घोषणा की थी।

उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पंजाब, तेलंगाना, झारखंड और उत्तराखंड में सभी 41 उम्मीदवारों को पिछले शुक्रवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था। इन उम्मीदवारों में सीतारमण को छोड़कर उपरोक्त नौ महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं।

चार राज्यों में शेष 16 सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ, जिनमें महाराष्ट्र की छह, कर्नाटक तथा राजस्थान की चार-चार और हरियाणा की दो सीटें थीं। इन सीटों पर उम्मीदवारों की संख्या संबंधित राज्यों में सीटों की संख्या से अधिक थी। लिहाजा, मतदान की नौबत आई। इनमें एकमात्र महिला उम्मीदवार सीतारमण ही थीं और उन्होंने भी जीत दर्ज की।

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