Republic Day 2021: राजपथ पर दिखी भारत की ताकत, राफेल की गर्जना से थर्राया आसमान

Edited By vasudha,Updated: 26 Jan, 2021 12:56 PM

republic day narendra modi

भारत के लिए आज गर्व का दिन है। पूरे देशभर में 72वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी। उन्होंने मंगलवार सुबह  ट्वीट कर लिखा कि देशवासियों को गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनाएं। जय हिंद! राजधानी दिल्ली के...

नेशनल डेस्क:  कोरोना महामारी के साये में मनाये जा रहे 72वें गणतंत्र दिवस पर मंगलवार को चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच राजपथ पर देश की ऐतिहासिक धरोहर तथा विविधतापूर्ण संस्कृति की मनोहारी छटा और सैन्य शक्ति का अछ्वुत नजारा दिखाई दिया। गणतंत्र दिवस पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मुख्य समारोह यहां राजपथ पर हुआ, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट स्थित राष्ट्रीय समर स्मारक पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देकर की। यहां शहीदों को गाडर् कमांडर द्वारा सलामी शस्त्र दिया गया तथा उनके सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया

 

Republic Day Parade Updates

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राजपथ पर नौसेना की झांकी। इस झांकी की थीम-स्वर्णिम विजय वर्ष है, इसमें 1971 में नौसेना के कराची बंदरगाह पर हमले को दर्शाया गया है।

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राजपथ पर वायुसेना बैंड का दस्ता। वारंट ऑफिसर अशोक कुमार बैंड दस्ते का नेतृत्व कर रहे हैं।

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गणतंत्र दिवस की परेड में राजपथ पर मार्च करता नौसेना के ब्रास बैंड का दस्ता।

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गणतंत्र दिवस की परेड में राजपथ पर मार्च करता बांग्लादेशी आर्मी का दस्ता।

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गणतंत्र दिवस के मौके पर परमवीर चक्र विजेता और अशोक चक्र विजेता राजपथ पर परेड करते हुए।

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मौन के समापन पर बिगुल वादकों ने ‘राउज' धुन बजायी। इस दौरान अंतरसेवा दस्ते का नेतृत्व भारतीय सेना के मेजर विकास सांगवान कर रहे हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने सलामी मंच की ओर प्रस्थान किया। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद 46 सजीले घुड़सवार अंगरक्षकों के साथ राजपथ पर पधारे, जहां पर उनकी अगवानी प्रधानमंत्री मोदी ने की। राष्ट्रपति के काफिले के दाहिने ओर रेजिमेंट के कमांडेंट कर्नल अनूप तिवारी अपने घोड़े ‘विराट‘ पर तथा बाईं ओर अपने घोड़े ‘विक्रांत‘ पर रेजिमेंट के सेकेण्ड-इन-कमांड लेफ्टिनेंट कर्नल शार्दूल सबीखी मौजूद थे। समारोहिक अनुरक्षक दो भागों में बंटे हुए थे। 

 

राष्ट्रपति को दी 21 तोपों की सलामी
राष्ट्रपति के आगे चलने वाली टुकड़ी का नेतृत्व रणविजय पर सवार रिसालदार मेजर दिलबाग सिंह कर रहे थे। वहीं रेजिमेंटल कलर लेकर चल रही टुकड़ी की अगुआई रौनक पर सवार रिसालदार लखविंदर सिंह ने की, जबकि पीछे चल रही टुकड़ी की कमान सुलतान पर सवार रिसालदार हरपाल सिंह ने संभाली। राजपथ पर श्री कोविंद को 223 फील्ड रेजिमेंट की समारोहिक टुकड़ी द्वारा सलामी दी गई। लेफ्टिनेंट कर्नल जितेन्दर सिंह मेहता के नेतृत्व में राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी गई। 

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बहत्तरवें गणतंत्र दिवस की परेड में भारतीय सेना के अधिकारी मेजर स्वामी नंदन ने झंडा फहराने में राष्ट्रपति कोविंद की सहायता की। इसके बाद राष्ट्रगान शुरू हुआ। हर साल गणतंत्र दिवस समारोह में किसी न किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाता है, लेकिन इस बार कोविड महामारी के कारण समारोह में कोई विदेशी हस्ती मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं हुई। सरकार ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को इस बार मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था, लेकिन ब्रिटेन में कोविड के कारण उत्पन्न भयानक स्थिति के मद्देनजर उन्होंने आने में असमर्थता जता दी। 

 

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वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर लिखा कि देशवासियों को गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनाएं। जय हिंद! राजधानी दिल्ली के राजपथ पर आज  ऐतिहासिक परेड निकलेगी, जिसमें दुनिया को भारत अपनी ताकत का एहसास कराएगा। 

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लड़ाकू विमानों ने शक्ति का किया प्रदर्शन
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान पहली बार राफेल लड़ाकू विमानों की उड़ान के साथ टी-90 टैंकों, समविजय इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली, सुखोई-30 एमके आई लड़ाकू विमानों समेत अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया। राजपथ पर 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की झांकियों, रक्षा मंत्रालय की छह झांकियों अन्य केंद्रीय मंत्रालयों और अर्द्धसैनिक बलों की नौ झांकियों समेत 32 झांकियों में देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, आर्थिक उन्नति और सैन्य ताकत की आन बान शान नजर आई। 

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 बांग्लादेश सैन्य बल ने किया कदमताल
 बांग्लादेश सैन्य बल की 122 सदस्यीय टुकड़ी ने भी राजपथ पर कदमताल किया। बांग्लादेश की टुकड़ी, बांग्लादेश के मुक्ति योद्धाओं की विरासत को आगे बढ़ाएगी जिन्होंने लोगों पर दमन और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठायी थी और बांग्लादेश को 1971 में आजादी दिलायी। भारत, 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर जीत के उपलक्ष्य में स्वर्णिम विजय वर्ष मना रहा है। इसी युद्ध के बाद बांग्लादेश अस्तित्व में आया था। 

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नौसैन्य अभियान की झांकी हुई पेश
परेड के दौरान थल सेना अपने मुख्य जंगी टैंक टी-90 भीष्म, इनफैन्ट्री कॉम्बैट वाहन बीएमपी-दो सरथ, ब्रह्मोस मिसाइल की मोबाइल प्रक्षेपण प्रणाली, रॉकेट सिस्टम पिनाका, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली समविजय समेत अन्य का दमखम प्रदर्शित किया। गणतंत्र दिवस परेड पर इस साल नौसेना अपने पोत आईएनएस विक्रांत और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान नौसैन्य अभियान की झांकी पेश की। भारतीय वायु सेना हल्के लड़ाकू विमान तेजस और देश में विकसित टैंक रोधी निर्देश मिसाइल ध्रुवास्त्र पर प्रस्तुति पेश करेगी। राफेल समेत वायु सेना के 38 विमान और भारतीय थल सेना के चार विमानों ने उड़ान में हिस्सा लिया।

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