Republic-day: फ्लाई पास्ट का दम, दुनिया ने देखा भारत का सैन्य शौर्य...राष्ट्रगान के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन

Edited By Seema Sharma,Updated: 26 Jan, 2022 12:46 PM

republic day prade ending

गणतंत्र दिवस के मौके पर बुधवार को यहां राजपथ पर आयोजित मुख्य समारोह के दौरान दुनिया ने भारत के सैन्य शौर्य को देखा। परेड की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद परंपरा के...

नेशनल डेस्क: गणतंत्र दिवस के मौके पर बुधवार को यहां राजपथ पर आयोजित मुख्य समारोह के दौरान दुनिया ने भारत के सैन्य शौर्य को देखा। परेड की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद परंपरा के अनुसार राष्ट्रगान के बाद राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और 21 तोपों की सलामी दी गई। परेड की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सलामी लेने के साथ हुई। परेड की कमान दूसरी पीढ़ी के सैन्य अधिकारी, परेड कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा संभाल रहे थे। वहीं दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल आलोक काकर परेड के सेकेंड-इन-कमांड थे। सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों के गौरवान्वित विजेता इन दोनों सैन्य अधिकारियों का अनुसरण कर रहे थे। इनमें परमवीर चक्र और अशोक चक्र के विजेता शामिल हैं।

 

परमवीर चक्र से सम्मानित जवान
परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कप्तान) योगेंद्र सिंह यादव, 18 ग्रेनेडियर्स (सेवानिवृत्त) और सूबेदार (मानद लेफ्टिनेंट) संजय कुमार, 13 जेएके राइफल्स और अशोक चक्र विजेता कर्नल डी. श्रीराम कुमार जीप पर डिप्टी परेड कमांडर का अनुसरण कर रहे थे। गौरतलब है कि परमवीर चक्र दुश्मन के सामने बहादुरी और आत्म-बलिदान के सबसे विशिष्ट कार्य के लिए दिया जाता है। अशोक चक्र युद्ध भूमि के अलावा शांति काल में वीरता और आत्म-बलिदान के ऐसे ही कार्यों के लिए दिया जाता है। 

 

परेड की झलकियां

  • परेड में तत्कालीन ग्वालियर लांसर्स की वर्दी में पहली टुकड़ी 61 कैवलरी थी, जिसका नेतृत्व मेजर मृत्युंजय सिंह चौहान कर रहे थे। यह कैवेलरी दुनिया में एकमात्र सक्रिय सेवारत हॉर्स कैवेलरी रेजिमेंट है। इसे 1 अगस्त, 1953 को छह राज्य बलों की घुड़सवार इकाइयों को मिलाकर स्थापित किया गया था। भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 61 कैवेलरी के माउंटेड कॉलम, 14 मैकेनाइज्ड कॉलम, छह मार्चिंग टुकड़यिों और आर्मी एविएशन के एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टरों (एएलएच) ने किया।
  • एक टैंक पीटी-76 और सेंचुरियन (टैंक वाहक पर) और दो एमबीटी अर्जुन एमके-1, एक एपीसी टोपास और बीएमपी-1 (ऑन टैंक ट्रांसपोटर्र) तथा दो बीएमपी-ढ्ढढ्ढ, एक 75/24 टोड गन (वाहन पर) और दो धनुष गन सिस्टम, एक पीएमएस ब्रिज और दो सर्वत्र ब्रिज सिस्टम, एक एचटी-16 (वाहन पर) और दो तरंग शक्ति इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, एक टाइगर कैट मिसाइल और दो आकाश मिसाइल सिस्टम मैकेनाइज्ड कॉलम में मुख्य आकर्षण रहे। 
  • राजपूत रेजिमेंट, असम रेजिमेंट, जम्मू-कश्मीर लाइट रेजिमेंट, सिख लाइट रेजिमेंट, सैन्य आयुध कोर और पैराशूट रेजिमेंट सहित सेना के कुल छह मार्चिंग दस्ते परेड में शामिल हुए। मद्रास रेजिमेंटल सेंटर का संयुक्त बैंड, कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर, मराठा लाइट रेजिमेंटल सेंटर, जम्मू-कश्मीर लाइट रेजिमेंटल सेंटर, आर्मी मेडिकल कोर सेंटर और स्कूल, 14 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर, आर्मी सप्लाई कोर सेंटर और कॉलेज, बिहार रेजिमेंटल सेंटर और सेना आयुध वाहिनी केंद्र ने भी सलामी मंच के समक्ष मार्च पास्ट किया। 
  • मार्चिंग दस्तों का मूल विषय आजादी के 75 वर्षों में भारतीय सेना की वर्दी और कार्मिकों के हथियारों के क्रमिक विकास का प्रदर्शन करना था। राजपूत रेजीमेंट की टुकड़ी 1947 की भारतीय सेना की वर्दी पहने हुए थे और इसके पास .303 राइफल थी।
  • असम रेजिमेंट 1962 की अवधि के दौरान पहनी गई वर्दी में थे और उनके पास .303 राइफलें थीं। जम्मू-कश्मीर लाइट रेजिमेंट 1971 के दौरान पहनी जाने वाली वर्दी में थी और 7.62 मिमी सेल्फ लोडिंग राइफल थी। सिख लाइट रेजिमेंट और सेना आयुध कोर की टुकड़ी वर्तमान में 5.56 एमएम इंसास राइफल के साथ वर्दी में थी। 
  • पैराशूट रेजिमेंट की टुकड़ी भारतीय सेना की नई कॉम्बैट यूनिफॉर्म पहनेगी, जिसका अनावरण 15 जनवरी, 2022 को किया गया और इसमें 5.56 एमएम गुणा 45 एमएम टैवोर राइफल थी।
  •  भारतीय नौसेना दल में लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा के नेतृत्व में 96 युवा नाविक और चार अधिकारी कंटिजेंट कमांडर के रूप में शामिल थे। इसके बाद नौसेना की झांकी थी, जिसे भारतीय नौसेना की बहु-आयामी क्षमताओं को प्रदर्शित करने और‘आत्मनिर्भर भारत'के तहत प्रमुख कार्यों को उजागर करने के उद्देश्य से तैयार किया गया था। 
  • देश भर में चल रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव' को भी झांकी में विशेष स्थान दिया गया था। झांकी के अगले हिस्से में 1946 के नौसेना विद्रोह को दर्शाया गया है, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया। पिछला भाग 1983 से 2021 तक भारतीय नौसेना की ‘मेक इन इंडिया' पहल को दर्शाता है। 
  • स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित युद्धपोतों के मॉडल से हवा में घिरा हुआ एलसीए नौसेना सहित नए विक्रांत का मॉडल दर्शाया गया है। ट्रेलर के किनारों पर लगे फ्रेम भारत में नौसेना प्लेटफार्मों के निर्माण को दर्शाते हैं।
  •  वायु सेना की टुकड़ी में 96 वायुसैनिक और चार अधिकारी शामिल थे और इसका नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर प्रशांत स्वामीनाथन ने किया।
  •  वायु सेना की झांकी का शीर्षक ‘भारतीय वायु सेना, भविष्य के लिए परिवर्तन' है। झांकी में मिग-21, जी-नेट, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर और राफेल विमान के स्केल डाउन मॉडल के साथ-साथ अश्लेषा रडार भी प्रदर्शित किए गए।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!