Edited By Pardeep,Updated: 15 Oct, 2019 04:47 AM
दिल्ली मेट्रो के स्टेशनों से यात्रियों को घर के समीप तक सुविधाएं देने के लिए डीएमआरसी ने सर्वोच्च न्यायालय से मेट्रो स्टेशनों पर 15 हजार ई-ऑटो को मंजूरी देने का अनुरोध किया है। आज इस मामले में हुई बैठक में प्रदूषण रोधी समिति ने दिल्ली मेट्रो और...
नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो के स्टेशनों से यात्रियों को घर के समीप तक सुविधाएं देने के लिए डीएमआरसी ने सर्वोच्च न्यायालय से मेट्रो स्टेशनों पर 15 हजार ई-ऑटो को मंजूरी देने का अनुरोध किया है। आज इस मामले में हुई बैठक में प्रदूषण रोधी समिति ने दिल्ली मेट्रो और राज्य सरकार के परिवहन विभाग सहित संबंधित संस्थाओं से एक रूपरेखा तैयार कर देने को कहा। इसमें बताया जाएगा कि ई-ऑटो की बैटरी को कैसे रिचार्ज किया जाएगा, बेकार बैटरी का निस्तारण कैसे होगा।
पर्यावरण प्रदूषण (निवारण एवं नियंत्रण) प्राधिकरण को उच्चतम न्यायालय ने इस मुद्दे की जांच करने और एक रिपोर्ट देने के लिए कहा है। बता दें कि इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने ऑटो रिक्शा की संख्या पर एक लाख की सीमा तय की हुई है। दिल्ली मेट्रो ने सभी 184 मेट्रो स्टेशनों से लोगों की सुविधा के लिए 15 हजार ई-ऑटो रिक्शा के पंजीकरण को मंजूरी देने का आग्रह किया है। ईपीसीए ने सवाल किया कि परिवहन विभाग व मेट्रो अधिकारी बताएं कि ई-ऑटो यात्रियों से कितने पैसे वसूलेंगे।
किराए की दरें क्या होंगी, इन्हें रात को कहां खड़ा करेंगे। क्या दिन में इनको मेट्रे स्टेशनों के परिसर में ही खड़ा किया जाएगा अथवा कहीं अन्य स्थानों पर इन्हें पार्किंग मिलेगी। इसके साथ ही जीपीएस, क्षेत्र के आधार पर चिन्हित करने की संभावनाओं, ओवर लोडिंग न हो इस पर प्रबंध सहित समूची योजना को दो दिन में देने के लिए कहा है। ईपीसीए अध्यक्ष भूरे लाल ने बताया कि ई-ऑटो से मेट्रो यात्रा महंगी नहीं होनी चाहिए और समूची जानकारी दो दिन में मांगी है ताकि मामले की रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की जा सके। बैठक में शामिल मेट्रो के एक अधिकारी ने कहा कि ई-ऑटो रियायती दरों पर चलेंगे और जीपीएस से यह सुनिश्चित होगा कि वे अपने संबंधित क्षेत्र में ही चलें।