Edited By shukdev,Updated: 25 Apr, 2019 06:43 PM
रिजर्व बैंक वसूल नहीं हो रहे कर्ज (एनपीए) के मामलों के समाधान के नियमों में संशोधन करने की तैयारी में है और वह इसके तहत कर्जदारों को कर्ज भुगतान के लिए 60 दिन का अतिरिक्त समय दे सकता है ताकि ईमानदार कर्जदारों की तकलीफ कुछ कम हो सके। सूत्रों ने इसकी...
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक वसूल नहीं हो रहे कर्ज (एनपीए) के मामलों के समाधान के नियमों में संशोधन करने की तैयारी में है और वह इसके तहत कर्जदारों को कर्ज भुगतान के लिए 60 दिन का अतिरिक्त समय दे सकता है ताकि ईमानदार कर्जदारों की तकलीफ कुछ कम हो सके। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा रिजर्व बैंक के 12 फरवरी 2018 के परिपत्र को निरस्त किए जाने के कारण संशोधित नियमों पर काम चल रहा है और जल्दी ही ये जारी कर दिए जाएंगे।
सूत्रों ने कहा कि एनपीए की नई रूपरेखा के तहत विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। इनमें एनपीए के लिए समाशोधन करने की मौजूदा 90 दिन की समयसीमा के साथ 30 से 60 दिन का अतिरिक्त समय देने का विकल्प भी शामिल है। उन्होंने कहा कि 90 दिन की अवधि के बाद फंसे ऋण को एनपीए करार दिए जाने की व्यवस्था बनी रहेगी लेकिन रिजर्व बैंक निकायों को ऋण का भुगतान करने के अन्य विकल्प देने पर गौर कर रहा है। उन्होंने कहा कि भुगतान के लिए अधिक समय दिए जाने से एमएसएमई की समस्या कुछ हद तक कम होगी।