Edited By Seema Sharma,Updated: 24 Nov, 2021 01:12 PM
राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण से थोड़ी राहत मिलने के बाद वायु गुणवत्ता बुधवार को फिर से‘बहुत खराब''श्रेणी में पहुंच गई। इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 328 दर्ज किया गया। इसी बीच बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली की खराब हवा को लेकर सुनवाई भी...
नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण से थोड़ी राहत मिलने के बाद वायु गुणवत्ता बुधवार को फिर से‘बहुत खराब'श्रेणी में पहुंच गई। इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 328 दर्ज किया गया। इसी बीच बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली की खराब हवा को लेकर सुनवाई भी हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर प्रदूषण नियंत्रित रहता है तो पाबंदियां हटा दी जानी चाहिए। वहीं सुप्रीम कोर्ट मामले की अगली सुनवाई अब 29 नवंबर को करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर मौसम गंभीर होता है तो उपाय किए जाते हैं और वायु गुणवत्ता में सुधार आता है तो उन पाबंदियोंको हटाना भी चाहिए। बता दें कि पिछली सुनवाई में केंद्र और दिल्ली सरकार ने कोर्ट में बताया था कि दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए निर्माण कार्यों पर रोक के साथ ही स्कूल बंद करने और सरकारी व निजी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने के निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए उन्हें स्थाई समाधान निकालने को कहा है। शीर्ष अदालत ने दिल्ली में प्रदूषण कम करने के मद्देनजर लगाई गई पाबंदियां अगले दो दिनों तक जारी रखने का आदेश दिल्ली सरकार को दिया है। चीप जस्टिस एन. वी. रमन्ना, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की शीर्ष अदालत की पीठ स्कूली छात्र आदित्य दुबे की जनहित याचिका पर आज आगे की सुनवाई कर रही है।
अदालती आदेशों के अनुपालन संबंधी रिपोटर् बुधवार को राज्य सरकारों की ओर पेश की गई, लेकिन केंद्र सरकार ने दाखिल नहीं की। केंद्र सरकार ने कहा कि वह राज्य सरकारों से प्रदूषण की स्थिति और उससे निपटने के उपायों की जानकारी लेने के बाद पीठ के समक्ष अपनी रिपोटर् दाखिल करेगी। सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से प्रदूषण कम करने की तत्कालिक उपाय की जानकारी देते हुए कहा गया कि प्रदूषण पहले के मुकाबले कम हुए हैं तथा आने वाले समय में उसके और कम होने की संभावना व्यक्त की गई है। उनकी इस दलील पर पीठ ने कहा कि यह हवा के कारण प्रदूषण स्तर कम हो सकता है। अदालत ने कहा कि हम इस समस्या का स्थाई समाधान चाहते हैं।