Edited By Monika Jamwal,Updated: 09 Aug, 2018 05:10 PM
सातवें वेतन आयोग और सैलरी डी-लिंक करने की मांग को लेकर वीरवार को हजारों की संख्या में रहबर-ए-तालीम अध्यापकों ने राज्यपाल भवन की कूच किया लेकिन पुलिस ने डोगरा चौक में रोक लिया।
जम्मू : सातवें वेतन आयोग और सैलरी डी-लिंक करने की मांग को लेकर वीरवार को हजारों की संख्या में रहबर-ए-तालीम अध्यापकों ने राज्यपाल भवन की कूच किया लेकिन पुलिस ने डोगरा चौक में रोक लिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की जिसके उपरांत पुलिस ने रहबरे तालीम अध्यापकों को गिरफ्तार कर लिया। जे एंड के आर.ई.टी. टीचर्स फोरम के बैनर तले वीरवार की सुबह हजारों की संख्या में जम्मू संभाग के सभी जिलों के रहबरे तालीम अध्यापक एकत्रित हुए और अपनी मांग को लेकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे। फोरम के राज्य अध्यक्ष विनोद शर्मा के नेतृत्व में जब रहबरे तालीम गवर्नर हाऊस की ओर मार्च करने लगे तो थोड़ी दूरी पर डोगरा चौक में पुलिस ने उन्हें रोक लिया। रहबरे तालीम अध्यापकों की रैली को देखते हुए प्रशासन ने पहले से भारी पुलिस बल को वहां पर तैनात किया था।
रोष रैली शुरू करने से पूर्व फोरम के राज्य अध्यक्ष विनोद शर्मा ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत लगे रहबरे तालीम अध्यापकों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ देने और उनके वेतन को राज्य में डी-लिंक करने में देरी को लेकर सरकार को कोसा। विनोद शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार उनकी मांगों को लेकर देरी की नीति अपना रही है। रहबरे तालीम अध्यापकों पिछले कई वर्षों से वेतन को स्टेट बजट में डीलिंक करने की मांग उठा रहे हैं लेकिन उनकी मांग पर कभी गौर तक नहीं किया। इसके चलते आर.ई.टी. टीचरों के वेतन में कई-कई माह विलम्ब किया जाता है।
उन्होंने कहा कि रहबरे तालीम अध्यापकों के मुद्दों को लेकर हर स्तर के अधिकारियों तक पहुंचाया गया। जम्मू और कश्मीर प्रांतों में अनेकों बार प्रदर्शन किए और सडक़ों पर धरने लगाए परंतु इसके बावजूद न तो केंद्र और न ही राज्य की पूर्व की सरकारों का दिल पसीजा। फोरम के अन्य नेताओं ने भी रहबरे तालीम अध्यापकों के मुद्दों को जोरशोर से उठाया और कहा कि अध्यापकों के प्रदर्शन के कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं हो रहा है।
अध्यापकों ने दी गिरफ्तारियां
रहबरे तालीम अध्यापकों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की में कई आर.ई.टी. टीचर्स घायल हो गए, जिसके उपरांत नजम जाफरी, सुखदेव सिंह सुम्बरियाख् गुलजाबीर डैंग, नरेश शर्मा, राजेश जम्वाल, शाम शर्मा, राज कुमार दूबे, सुकेश खजूरिया, महेश कुमार, अरविन्द शर्मा, रिंक शर्मा, सज्जाद मलिक, लेखराज परिहार, मंजूर खान, सुभाष चंद्र, शाहनवाज काजमी, हरी लाल नाग, ताहिर मसूद, राकेश सिंह, दिनेश सिंह, बलवान सिंह, सुरजीत सिंह, रविन्द्र चिब, पंकज वर्मा और रविन्द्र सिंह ने गिरफ्तारियां दी। पुलिस ने गिरफ्तार किए आर.ई.टी. टीचरों को बाद में छोड़ दिया।