Edited By vasudha,Updated: 25 Oct, 2019 11:57 AM
श्रीलंका की पार्लियामेंट सिलैक्ट कमेटी (पी.एस.सी.) ने बुधवार को ईस्टर धमाकों की जांच रिपोर्ट जारी की। 1,649 पेज की जांच रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि 21 अप्रैल को हुए धमाकों के दौरान आतंकियों के निशाने पर भारतीय उच्चायोग भी था...
कोलंबो: श्रीलंका की पार्लियामेंट सिलैक्ट कमेटी (पी.एस.सी.) ने बुधवार को ईस्टर धमाकों की जांच रिपोर्ट जारी की। 1,649 पेज की जांच रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि 21 अप्रैल को हुए धमाकों के दौरान आतंकियों के निशाने पर भारतीय उच्चायोग भी था, लेकिन वे सफल नहीं हो सके। ईस्टर के दिन 3 चर्च और 5 होटलों में 8 सीरियल धमाके हुए थे, जिनमें 11 भारतीयों समेत 277 की मौत हुई थी। फिदायीन धमाकों की जिम्मेदारी इस्लामिक जेहादी संगठन नैशनल तौहीद जमात (एन.टी.जे.) और इस्लामिक स्टेट (आई.एस.) ने ली थी।
धमाकों से पहले ही मिल गई थी खुफिया जानकारीपी.एस.सी. रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका की खुफिया एजैंसी स्टेट इंटैलीजैंस सॢवस (एस.आई.एस.) को धमाकों की खुफिया जानकारी 4 अप्रैल को ही मिल गई थी लेकिन एजैंसी प्रमुख इसे ठीक से डील नहीं कर सके। उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों तक जानकारी सांझा करने में देरी की और नतीजतन ईस्टर धमाके हुए। फिदायीन धमाके रोकने में एस.आई.एस., रक्षा सचिवालय, पुलिस प्रमुख, सेना प्रमुख और अन्य खुफिया एजैंसी प्रमुख सभी नाकाम रहे।
‘कोर्ट तय करेगा अपराधी कौन है’
पी.एस.सी. चेयरमैन और डिप्टी स्पीकर आनंद कुमारसिरि ने अदालत में कहा कि इन धमाकों के मुख्य अपराधी कौन हैं, यह पार्लियामैंट तय नहीं कर सकता। यह शक्ति कोर्ट के पास है। पी.एस.सी. के पास सिर्फ मामले में लापरवाही और कमजोरी का पता लगाकर जांच रिपोर्ट पेश करने के अधिकार हैं।