गठबंधन टूटने के बाद बोली महबूबा, जम्मू कश्मीर में सख्ती काम नहीं आएगी

Edited By Monika Jamwal,Updated: 20 Jun, 2018 02:07 PM

rigidness cannot work in kashmir said mehbooba

पी.डी.पी. प्रमुख और जम्मू कश्मीर की निवर्तमान मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को अनुच्छेद 370 एवं एकतरफा संघर्षविराम का मुद्दा उठाते हुए कहा कि राज्य में सख्ती की नीति नहीं चलेगी और सुलह सबसे अहम है।

श्रीनगर : पी.डी.पी. प्रमुख और जम्मू कश्मीर की निवर्तमान मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को अनुच्छेद 370 एवं एकतरफा संघर्षविराम का मुद्दा उठाते हुए कहा कि राज्य में सख्ती की नीति नहीं चलेगी और सुलह सबसे अहम है। पी.डी.पी. कार्यकर्ताओं और मंत्रियों से अपने आवास पर लगभग एक घंटे की बैठक के बाद महबूबा ने पत्रकारों को कहा कि मैं इससे अचंभित नहीं हूं क्योंकि कभी भी सत्ता के लिए यह गठबंधन नहीं किया गया था। पीडीपी सत्ता की राजनीति में यकीन नहीं करती है और हमने लोगों के लिए काम किया।


महबूबा ने कहा कि यह समझना होगा कि जम्मू कश्मीर दुश्मन का क्षेत्र नहीं है जैसा कि कुछ लोग समझते हैं। उन्होंने कहा, हमने हमेशा कहा है कि जम्मू कश्मीर में सख्ती नहीं चलेगी, सुलह अहम है। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन की शुरुआत ही धारा 370 पर बात के साथ की। उन्होंने कहा कि हमने संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 (ए) की रक्षा की और हम ऐसा करते रहेंगे।

पत्थरबाजों पर से वापिस लिये हैं मामले
राज्य की पीडीपी-भाजपा सरकार से भगवा पार्टी के अलग होने के बाद महबूबा ने कहा कि हमने पथराव करने वालों के खिलाफ दर्ज 11000 मामले वापस लिए हैं। उन्होंने रमजान के दौरान गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा एकतरफा संघर्ष विराम उल्लंघन के एलान और 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लाहौर की यात्रा का भी जिक्र किया।

वार्ता पर जोर
मंगलवार शाम राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने वाली महबूबा ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में बातचीत और सुलह के लिए कोशिश करती रहेगी।

नहीं करूंगी गठबंधन
उन्होंने कहा कि मैंने राज्यपाल से कहा है कि मैं किसी और के साथ गठबंधन नहीं करूंगी। उन्होंने कहा कि हमने भाजपा के साथ गठबंधन कुर्सी के लिए नहीं किया था। 2014 में जो जनादेश था और राज्य के जो हालात थे, उन्हें देखकर ही हमने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। बहुत से लोगों को यह गठबंधन पसंद नहीं आया, लेकिन गठबंधन का मकसद कुर्सी नहीं बल्कि बहुत बड़ा था। इनमें पाकिस्तान के साथ बातचीत, कश्मीर केंद्रित विश्वास बहाली के कदमए सुलह और संघर्ष विराम जैसे मसले थे। इनपर काम भी हुआ है।

 भाजपा के फैसले से हैरान नहीं हूं
भाजपा द्वारा सरकार से अलग होने संबंधी सवाल पर महबूबा ने कहा कि मैं इससे हैरान नहीं हूं। अगर कुर्सी हमारी प्राथमिकता होती तो हम नेशनल कांफ्रेंस या कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाते, लेकिन हमारा मकसद इस राज्य में ोहसा का वातावरण समाप्त कर यहां सुलह और शांति का दौर बहाल करना था। हमारा मकसद बड़ा था, इसलिए हमने भाजपा से हाथ मिलाया था। तमाम मुश्किल हालात के बीच पीडीपी के कार्यकर्ताओं ने हमारा पूरा साथ दिया है। हम लोगों की बेहतरी और रियासत में सुलह व शांति का माहौल बनाने तथा कश्मीर मसले के हल के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगे।

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