Edited By vasudha,Updated: 10 Nov, 2019 01:41 PM
तेलंगाना के हैदराबाद में कराए गए एक अध्ययन के अनुसार वायु प्रदूषण की वजह से दिल का दौरा पडऩे जैसी समस्याओं का बड़ा जोखिम हो सकता है...
नई दिल्ली: तेलंगाना के हैदराबाद में कराए गए एक अध्ययन के अनुसार वायु प्रदूषण की वजह से दिल का दौरा पडऩे जैसी समस्याओं का बड़ा जोखिम हो सकता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन तेलंगाना में वायु प्रदूषण के हृदय संबंधी स्वास्थ्य प्रभावों पर एक परियोजना का हिस्सा था जिसका उद्देश्य हवा में पार्टिकुलेट मैटर (पी.एम.) के स्तर और हृदय संबंधी रोगों के खतरे के बीच संबंध का विश्लेषण करना था।
अध्ययन के अनुसार पर्यावरण में और घर के भीतर वायु प्रदूषण का स्तर कराटिड इंटिमा-मीडिया थिकनैस (सी.आई.एम.टी.) से जुड़ा है। चेन्नई में रामचंद्र यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकत्र्ताओं समेत विशेषज्ञों ने कहा कि सी.आई.एम.टी. कराटिड या ग्रीवा धमनी की दो आंतरिक सतहों की चौड़ाई है। यह धमनी मस्तिष्क, चेहरा और गर्दन को रक्त का संचार करती है।
अध्ययन के तहत अनुसंधानकत्र्ताओं के एक अंतर्राष्ट्रीय दल ने हैदराबाद (तेलंगाना) के एक क्षेत्र के 3372 प्रतिभागियों के सी.आई.एम.टी. का आकलन किया तथा उन्हें वायु प्रदूषण से होने वाले प्रभाव का अनुमान लगाया। अध्ययन के मुताबिक प्रतिभागियों ने अपने खाद्य तेल की भी जानकारी दी। अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि सालाना स्तर पर पी.एम. 2.5 कणों का अत्यधिक प्रभाव अधिक सी.आई.एम.टी. से जुड़ा है जो विशेष रूप से 40 साल से अधिक उम्र के लोगों में होता है।