Edited By shukdev,Updated: 01 Dec, 2018 06:39 PM
बांग्लादेश के एक राजनयिक ने देश में रोहिंग्या शरणार्थी संकट से निपटने के लिए शनिवार को अंतरराष्ट्रीय मदद की जरूरत पर बल दिया और कहा कि दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा देश होने के नाते भारत को क्षेत्र में विश्वास निर्माण की एक बड़ी भूमिका निभानी है।...
कोलकाता: बांग्लादेश के एक राजनयिक ने देश में रोहिंग्या शरणार्थी संकट से निपटने के लिए शनिवार को अंतरराष्ट्रीय मदद की जरूरत पर बल दिया और कहा कि दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा देश होने के नाते भारत को क्षेत्र में विश्वास निर्माण की एक बड़ी भूमिका निभानी है। कोलकाता स्थित बांग्लादेश के उप उच्चायोग की राजनीतिक काउंसलर शाहनाज अख्तर रानू ने कहा कि आर्थिक विकास के लिए राजनीतिक स्थिरता जरूरी है और ‘नॉन स्टेट’ शरणार्थी मुद्दे का पड़ोसी देश पर एक प्रभाव पड़ रहा है।
उन्होंने एमसीसीआई लाजिस्टिक्स फोरम में कहा, ‘हमें रोहिंग्या लोगों को उनके गृहभूमि भेजने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा देश होने के नाते भारत पर क्षेत्र में विश्वास निर्माण की अधिक जिम्मेदारी है।
बांग्लादेश इससे पहले भी रोहिंग्या मुद्दे से निपटने में भारत से मदद मांग चुका है कि वह म्यामां पर इसके लिए दबाव डाले कि वह देश में शरण लेने वाले शरणार्थियों को वापस ले। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार करीब सात लाख रोहिंग्या मुस्लिम अगस्त 2017 से म्यामां के रखाइन प्रांत से भागकर बांग्लादेश आए हैं। रानू ने इसके साथ ही क्षेत्र में अधिक आर्थिक विकास के लिए बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल मोटर वाहन समझौते को तेजी से लागू करने का आह्वान किया।