RSS प्रमुख ने दिया चुनावी ज्ञान, राष्ट्र के लिए काम करने वालों को वोट करने की अपील की

Edited By Yaspal,Updated: 18 Oct, 2018 06:48 PM

rss chief has given electoral knowledge appealed to

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को दशहरा पर्व के मौके पर भाषण में लोगों से आह्वान किया कि वे देश तोड़ने वालों के लिए मतदान न करें। उन्होंने संघ के स्वयंसेवकों से चुनावों के दौरान 100...

नेशनल डेस्कः आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को दशहरा पर्व के मौके पर भाषण में लोगों से आह्वान किया कि वे देश तोड़ने वालों के लिए मतदान न करें। उन्होंने संघ के स्वयंसेवकों से चुनावों के दौरान 100 फीसदी मतदान कराने और राष्ट्रीय अखंडता के लिए काम करने वालों को वोट देने की अपील की। दशहरा के मौके पर बागवत का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि आने वाले दिनों में पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले भागवत का यह आखिरी भाषण है। आरएसएस प्रमुख का भाषण दशहरा के मौके पर संघ कार्यकर्ताओं के लिए नीति दस्तावेज की तरह होता है।

नागपुर में आरएसएस मुख्यालय पर स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि चुनाव नजदीक आ रहे हैं। एक तरीके से इसके जरिए हम वोट डालते हैं, तो एक दिन के लिए राजा बनते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन हम यह भी जानते हैं कि चुनाव के समय हम जो निर्णय लेते हैं, उससे कभी-कभी हमारी पूरी जिंदगी पर असर पड़ता है। मतदाताओं को राष्ट्रहित को सबसे ऊपर रखते हुए जाति, धर्म, संप्रदाय और भाषा आदि भावनाओं से ऊपर वोट देना होगा।

और क्या-क्या कहा भागवत ने
भागवत ने मतदाताओं से उस पार्टी को वोट डालने को कहा जो, भारत को जानती हो और जिसे भारत जानता हो। उन्होंने कहा कि हमें देखना होगा कि भारत के लिए श्रेष्ठ कौन है"? कौन है जो भारत को अखंड एकात्मीयता के लिए काम करेगा और कौन है जो स्वार्थ के लिए भारत के टुकड़े करने से पीछे नहीं हटेगा? आरएसएस प्रमुख ने कहा कि चुनाव आयोग भी ऐसी ही सिफारिश करता है। उन्होंने संघ कार्यकर्ताओं से कहा, ऐसा करने के लिए स्वयंसेवकों को भी बढ़-चढ़कर प्रयास करना होगा। राष्ट्रीय हितों के लिए स्वयंसेवक ऐसे प्रयास करत रहते हैं। वह इस बार भी ऐसा ही करेंगे।

नोटा पर क्या बोले आरएसएस प्रमुख
संघ प्रमुख ने मतदाताओं को ईवीएम पर नोटा बटन दबाने को लेकर भी चेताते हुए कहा कि किसी भी पार्टी में सारे गुण नहीं होते हैं। राष्ट्रीय हित में काम करने के लिए 100% पारदर्शी होना चाहिए। इसलिए जो श्रेष्ठ विकल्प हो उसे चुनना चाहिए। यदि आप नोटा का विकल्प चुनते हैं तो वह उस पार्टी के पक्ष में जाएगा, तो राष्ट्रहित के खिलाफ है। इसलिए नोटा को चुनना सबसे खराब निर्णय लेने जैसा है। इसलिए इस तरह के आत्मघाती कदन न उठाएं।

बता दें, साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में कुछ ही हफ्तों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इन राज्यों में बीजेपी की राहें काफी मुश्किल हैं। 

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