Edited By Seema Sharma,Updated: 09 Jul, 2018 08:37 AM
आर.एस.एस. ने मोदी सरकार के रोजमर्रा के कामकाज में दखल देने से भले परहेज किया हो लेकिन अहम मुद्दों पर उसने अपना रुख साफ कर दिया। मीडिया में ऐसी कई रिपोर्टें आईं जिनमें कहा गया है कि आर.एस.एस. मोदी सरकार के कामकाज को लेकर नाखुश है।
नई दिल्ली: आर.एस.एस. ने मोदी सरकार के रोजमर्रा के कामकाज में दखल देने से भले परहेज किया हो लेकिन अहम मुद्दों पर उसने अपना रुख साफ कर दिया। मीडिया में ऐसी कई रिपोर्टें आईं जिनमें कहा गया है कि आर.एस.एस. मोदी सरकार के कामकाज को लेकर नाखुश है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक आर.एस.एस. मानता है कि जी.एस.टी. को कहीं बेहतर ढंग से लागू किया जा सकता था और सरकार मध्यम वर्ग तथा छोटे व्यापारियों को नाराज करने से बच सकती थी।
जिस एक और मामले में आर.एस.एस. ने सरकार के कामकाज को कमतर पाया वह कश्मीर था। 16 जून को जब प्रधानमंत्री मोदी अपने साथियों के साथ आर.एस.एस. के आला कर्ता-धर्ताओं से मिले तब कश्मीर के हालात पर बात हुई। पी.डी.पी. से अलग होने का फैसला सबसे पहले यहीं लिया गया। कश्मीर की स्थिति से नाखुश आर.एस.एस. भाजपा को जनवरी महीने से ही पी.डी.पी. के साथ गठजोड़ खत्म करने को कह रहा था।