ऑफ द रिकार्ड: राम मंदिर निर्माण पर आर.एस.एस. भुवनेश्वर में बनाएगी योजना

Edited By Anil dev,Updated: 12 Oct, 2019 08:35 AM

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) की प्रतिनिधि सभा (कार्यकारी समिति) भुवनेश्वर में 17 अक्तूबर को होने वाली बैठक में राम मंदिर निर्माण पर अपनी योजना को अंतिम रूप देगी। ओडिशा की राजधानी में होने वाली बैठक में अनुच्छेद 370, नैशनल सिटीजन रजिस्टर तथा...

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) की प्रतिनिधि सभा (कार्यकारी समिति) भुवनेश्वर में 17 अक्तूबर को होने वाली बैठक में राम मंदिर निर्माण पर अपनी योजना को अंतिम रूप देगी। ओडिशा की राजधानी में होने वाली बैठक में अनुच्छेद 370, नैशनल सिटीजन रजिस्टर तथा समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर भी विचार मंथन होगा। 16 अक्तूबर को आर.एस.एस. के नेता देश के राजनीतिक हालात समेत पूरी स्थिति की समीक्षा करेंगे। सबसे अहम बैठक 17-20 अक्तूबर को होगी जिस दौरान राम मंदिर निर्माण योजना पर विचार मंथन होगा। 

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आर.एस.एस. प्रमुख मोहन भागवत और महासचिव भैयाजी जोशी के अलावा इस बैठक में संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसबोले, कृष्ण गोपाल, मनमोहन वाडिया और अन्य शामिल होंगे। संघ परिवार के 55 संगठनों के प्रमुखों को इस बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। माना जा रहा है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा भी एक दिन के लिए इस बैठक में शामिल हो सकते हैं। विहिप के अंतर्राष्ट्रीय प्रमुख अलोक कुमार को विशेष तौर पर कहा गया है कि राम मंदिर के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा के लिए वह मौजूद रहें। ऐसा लगता है कि नवम्बर में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के संभावित फैसले के मद्देनजर आर.एस.एस. द्वारा अपनी रणनीति तैयार की जा रही है। 

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विहिप पहले ही कह चुकी है कि राम मंदिर निर्माण के लिए बड़ी तैयारियां की जाएंगी। अलोक कुमार प्रतिनिधि सभा को यह जानकारी देंगे कि राम मंदिर निर्माण पर विहिप कैसे आगे बढ़ेगी। भैयाजी जोशी निर्माण प्रक्रिया की निगरानी करेंगे और सभी ङ्क्षहदू संगठनों में तालमेल रखेंगे। आर.एस.एस. का नजरिया है कि समान नागरिक संहिता मामले में थोड़ा इंतजार किया जा सकता है और राम मंदिर निर्माण सबसे अहम मसला है इसलिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही मंदिर निर्माण का काम तेजी से शुरू हो जाना चाहिए। 

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आर.एस.एस. के नेतृत्व को भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा जाएगा जिसके तहत 2.77 एकड़ जमीन को 3 हिस्सों में बांटा जाएगा और इसका दो तिहाई हिस्सा हिंदुओं को दिया जाएगा, या फिर पूरी जमीन ङ्क्षहदुओं को सौंपी जा सकती है। इनमें से जो भी फैसला आए राम मंदिर का निर्माण तुरंत शुरू कर दिया जाएगा। मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में सबसे पहले ईंटें कौन ले जाएगा इस पर चर्चा हो रही है। ऐसी रिपोर्टें हैं कि सुप्रीम कोर्ट जैसे ही अपना फैसला सुनाएगा,  उसी  दिन  राम मंदिर के बड़े स्तर पर निर्माण की घोषणा कर दी जाएगी। 
 

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