Edited By Pardeep,Updated: 21 Jul, 2020 04:07 AM
आम लोगों के हाथ में हथियार के रूप में थमाए गए आर.टी.आई. (सूचना का अधिकार) को लागू करवाने का जिम्मा केंद्रीय सूचना आयोग (सी.आई.सी.) पर है, परंतु ऐसा लगता है कि मोदी सरकार इसके निकाय में खाली पड़े पदों को भरने में किसी प्रकार ..
नई दिल्लीः आम लोगों के हाथ में हथियार के रूप में थमाए गए आर.टी.आई. (सूचना का अधिकार) को लागू करवाने का जिम्मा केंद्रीय सूचना आयोग (सी.आई.सी.) पर है, परंतु ऐसा लगता है कि मोदी सरकार इसके निकाय में खाली पड़े पदों को भरने में किसी प्रकार की जल्दी में नहीं है। सी.आई.सी. में पहले से ही 4 पद खाली पड़े हुए हैं,जबकि 2 और पद खाली होने वाले हैं।
मुख्य सूचना आयुक्त विमल जुल्का (रिटायर्ड आई.ए.एस.) का कार्यकाल इसी महीने में पूरा होने जा रहा है, जबकि सदस्य दिव्य प्रकाश सिन्हा (रिटायर्ड आई.पी.एस.) का कार्यकाल सितम्बर में खत्म हो जाएगा। कहने का मतलब यह है कि सी.आई.सी. 11 सदस्यीय निकाय है और उसमें 6 पद खाली हो रहे हैं। कब तक ऐसा रहेगा, कहा नहीं जा सकता। विपक्षी दल आरोप लगाते आ रहे हैं कि मोदी सरकार शासन में पारदर्शिता की परवाह नहीं करती तथा वह संस्थाओं को कमजोर कर रही है।
इसी तरह ट्रिब्यूनलों, बोर्डों और निगमों में भी खाली पदों की भरमार है, परंतु जब विजीलैंस कमीशन के कमिश्नर की नियुक्ति की बात आई तो सरकार ने बड़ी फुर्ती दिखाई। विजीलैंस कमिश्नर के पद हेतु आवेदन के लिए कार्मिक मंत्रालय ने एक प्रोफॉर्मा जारी किया है, जिसमें आवेदनकत्र्ता से पद के लिए ‘उपयुक्तता मूल्यांकन’ हेतु 300 शब्दों में यह बताने के लिए कहा गया है कि उसे ही क्यों इस पद के लिए चुना जाए? विजीलैंस कमिश्नर का एक पद इस साल अक्तूबर में खाली हो जाएगा। उस पद के लिए विज्ञापन दे दिया गया है।
चीफ विजीलैंस कमिश्नर संजय कोठारी हैं जो इससे पहले राष्ट्रपति के सचिव हुआ करते थे। शरद कुमार और सुरेश पटेल 2 विजीलैंस कमिश्नर हैं। शरद कुमार का कार्यकाल इस साल अक्तूबर में समाप्त हो रहा है तथा कार्मिक विभाग के ऑर्डर के अनुसार उनकी जगह नया विजीलैंस कमिश्नर नियुक्त किया जाएगा। विजीलैंस कमिश्नर 4 साल की अवधि या 65 साल की आयु होने तक पदभार संभालते हैं। केंद्र सरकार की विजीलैंस कमिश्नर की नियुक्ति में दिखाई गई सक्रियता सी.आई.सी. में खाली पद भरने को लेकर नहीं है।