नागरिकता कानून: पथराव...आंसूगैस...लाठीचार्ज...भगदड़

Edited By vasudha,Updated: 14 Dec, 2019 10:18 AM

ruckus over citizenship law

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने मार्च निकाला लेकिन मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने इस मार्च को यूनिवर्सिटी के गेट पर रोक दिया। इस बात से गुस्साए छात्रों ने पुलिस का विरोध किया और उनकी बेरिकेडिंग...

नई दिल्ली(नवोदय टाइम्स): नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने मार्च निकाला लेकिन मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने इस मार्च को यूनिवर्सिटी के गेट पर रोक दिया। इस बात से गुस्साए छात्रों ने पुलिस का विरोध किया और उनकी बेरिकेडिंग को तोड़ा, जिसके चलते पुलिस ने भी बल प्रयोग किया। पुलिस ने छात्रों के मार्च को रोकने के लिए पहले लाठीचार्ज किया और मौके पर आंसूगैस के गोले भी छोड़े। बताया जाता है कि इस घटना के दौरान 15 छात्रों को गंभीर चोटें आई, वहीं करीब 30 से अधिक छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया। जामिया के छात्र नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में विश्वविद्यालय से संसद भवन तक मार्च निकालना चाहते थे,लेकिन पुलिस ने मामले की संवेदनशीलता के चलते इस मार्च पर पांबदी लगा दी। लेकिन छात्र अपनी जिद पर अड़ गए जिसके कारण पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई। देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए और प्रदर्शन में हुई हिंसा में दर्जनभर से ज्यादा छात्र घायल हो गए। 

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कई छात्रों को हिरासत में लिया गया है। इस दौरान पुलिस द्वारा बीस से तीन राउंड आंसू गैस के गोले चलाए और लाठीचार्ज भी किया। छात्रों द्वारा भी पथराव किया गया। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इस प्रदर्शन में बाहरी लोगों के शामिल होने के चलते ये हालात बने। नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ जामिया छात्रों ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर से संसद तक मार्च का आह्वान किया था। पुलिस ने बीच में ही इसे रोक दिया। इस दौरान दोनों के बीच हिंसक झड़प हुई। पुलिसकर्मियों ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस ने इस दौरान सड़कों को बंद कर दिया और छात्रों को बैरिकेड फांदते देखा गया। हिंसक झड़प के बाद छात्र विश्वविद्यालय परिसर में अंदर चले गए। साथ ही विश्वविद्यालय के गेट को भी बंद कर दिया गया। 

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इलाके के कई बस रूट रहे बंद
मेट्रो स्टेशनों पर नहीं रुकी ट्रेनेंछात्रों के प्रदर्शन के कारण सुरक्षा के मद्देनजर पटेल चौक और जनपथ मेट्रो स्टेशन को करीब एक घंटे तक बंद कर दिया गया। प्रदर्शनों को देखते हुए पटेल चौक और जनपथ मेट्रो स्टेशन के प्रवेश तथा निकास द्वार को शुक्रवार को एक घंटे से अधिक समय तक बंद रखा गया। इस दौरान दोनों स्टेशनों पर मेट्रो से प्रवेश व बाहर जानेवालों की आवाजाही बंद रही। दूसरी ओर जामिया में छात्रों और पुलिस के बीच प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक झड़प के बाद यह सोशल मीडिया पर छाया रहा। जामिया के कई छात्रों ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा किए हैं, जिसमें पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लाठियां चलाते हुई दिखाई दे रही है। पुलिस ने सड़क को घेर लिया तो प्रदर्शनकारी बैरिकेड पर चढ़ गए। बाद में विश्वविद्यालय के गेट को बंद कर दिया गया।  

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जुम्मे की नमाज के बाद की रैली में शिरकत 
नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ हजारों लोगों ने जुम्मे की नमाज के बाद सीलमपुर में एक रैली की, जिसमें भाजपा व आप पार्टी के खिलाफ जोरदार नारेबाजी हुई। रैली का आयोजन क्षेत्र के पूर्व विधायक चौ. मतीन अहमद ने किया। रैली को प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा, चौ. मतीन अहमद और जिला अध्यक्ष कैलाश जैन ने संबोधित किया। रैली में अल्पसंख्यक समुदाय के हजारों लोग तिरंगे झंडे हाथ में लेकर जगप्रवेश चन्द्र अस्पताल के समीप एकत्रित हुए। सुभाष चोपड़ा ने कहा कि देश को धर्मिक आधार बांटने की साजिश का हिस्सा है यह  नागरिक संशोधन विधेयक। चौ. मतीन अहमद ने रैली में कहा कि सभी धर्म के लोग सदभाव के साथ रहते हैं, जिसको मोदी सरकार पचा नहीं पा रही है। उन्होंने हजारों की संख्या में लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इतनी बड़ी हाजिरी यह साबित करती है कि यह विधेयक जनविरोधी है।  

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नागरिकता संशोधन बिल पारित होना एक साहसिक कदम: महंत अवधूत
सनातन हिन्दू वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्राचीन सिद्धपीठ कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत जी महाराज ने नागरिक संशोधन बिल के दोनों सदनों में पास होकर कानून बनाए जाने को केन्द्र सरकार का एक साहसिक कदम बताया है। इसे लेकर आपात बैठक की गई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह का धन्यवाद करते हुए स्पष्ट किया गया कि जिस प्रकार केंद्र सरकार ने तीन इस्लामिक देशों में रह रहे अल्पसंख्यकों के (हिन्दू, सिख, बौद्ध, पारसी, जैन आदि) हितों की रक्षा कर उन्हें भारतीय नागरिकता देने का साहसिक निर्णय किया है, उसके लिए पूरा देश उनका आभारी है। अवधूत महाराज ने कहा कि जिन राज्यों में विपक्षी दल उत्पात कराकर अपने राजनैतिक जीवन का अस्तित्व बचाने में जुटे हैं, उन्हें चेतावनी है कि वे राष्ट्रहित के मुददे पर गंदी राजनीति ना करे। उन्होंने पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश सरीखे इस्लामिक देशों से मांग की है, कि वे भी अपना बड़ा दिल दिखाएं और अपने-अपने देशों में नागरिक संशोधन बिल पासकर हमारे देश के भी टुकड़े-टुकड़े गैंग व अन्य मुस्लिम परस्त लोगों को व विपक्षी दलों को अपने देशों में पनाह देकर नागरिकता दें। अवधूत महाराज ने देश के सभी राज्यों में लोगों से अपील की है कि नागरिक संशोधन बिल का समर्थन करें और हिन्दू शरणार्थियों को भी अपना छोटा भाई और परिवार माने। बैठक में प्रभाष सिंह, निरंजन लाल, डॉ राजेश ओझा, प.विजय शर्मा, योगी राजकुमार चौहान, आशीष कश्यप, पुष्पेंद्र मिश्रा, नीलू पांडेय आदि ने भी सरकार के साहसिक निर्णय की सराहना की।

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