राजपथ पर भारतीय सेना का दम, दुनिया ने देखी भारत की सैन्य ताकत

Edited By shukdev,Updated: 26 Jan, 2020 03:20 PM

rudra to vajra and bhishma salute

आज देश 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजपथ पर तिरंगा फहराकर राष्ट्रध्वज को सलामी दी। इसके बाद राजपथ पर भारत की शौर्य शक्ति का प्रदर्शन किया गया। भारतीय सेना ने राष्ट्रपति को सलामी दी। राजपथ पर परेड के दौरान भारतीय सेना...

नई दिल्ली: आज देश 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजपथ पर तिरंगा फहराकर राष्ट्रध्वज को सलामी दी। इसके बाद राजपथ पर भारत की शौर्य शक्ति का प्रदर्शन किया गया। भारतीय सेना ने राष्ट्रपति को सलामी दी। राजपथ पर परेड के दौरान भारतीय सेना के युद्धक टैंक T-90 भीष्म ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सलामी दी। भीष्म टैंक की कमान 86 आर्मर्ड रेजिमेंट के कैप्टन सनी चाहर के हाथों में रही।

PunjabKesari
चिनूक
चिनूक की सबसे बड़ी खासियत है तेज गति। पहले चिनूक ने 1962 में उड़ान भरी थी। यह एक मल्टी मिशन श्रेणी का हेलीकॉप्टर है। भारत ने जिस चिनूक को खरीदा है, उसका नाम है CH-47 एफ है। यह 9.6 टन वजन उठा सकता है, जिससे भारी मशीनरी, तोप और बख्तरबंद गाड़ियां लाने-ले जाने में सक्षम है।

PunjabKesari
रुद्र और ध्रुव
परेड के दौरान रुद्र और ध्रुव को देखने के लिए सभी की निगाहें आसमान रही, जिन्होंने डायमंड फॉर्म में फ्लाई-पास्ट का प्रदर्शन किया। इससे पहले राजपथ पर 21 तोपों ने सलामी दी, आसमान में 155 हेलिकॉप्टर यूनिट के 5 हेलिकॉप्टरों ने उल्टे 'Y' आकार में भरी उड़ान।

PunjabKesari
धनुष तोप

राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में रविवार को पहली बार धनुष तोप का प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन कैप्टन मृगांक भारद्वाज की कमान में किया गया। 155एमएम और 45 कैलीबर धनुष तोप को होवित्जर तोप की तरह डिजाइन किया गया है। यह आयुध निर्माणी बोर्ड द्वारा स्वदेश निर्मित है। अधिकतम 36.5 किलोमीटर दूरी की मारक क्षमता वाली इस तोप में स्वचालित बंदूक अलाइनमेंट और पोजिशनिंग की क्षमता है। इस तोप को सेना की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाया गया है।

PunjabKesari
मिशन शक्ति
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की उपग्रह रोधी (ए-सैट) हथियार प्रणाली गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा बनी। किसी भी देश की आर्थिक और सैन्य सर्वोच्चता के लिए अंतरिक्ष महत्वपूर्ण आयाम है और इसमें ए-सैट हथियार आवश्यक रणनीतिक प्रतिरोध प्रणाली में अहम भूमिका निभाता है।

PunjabKesari
पिछले साल मार्च में डीआरडीओ ने भारत के पहले ए-सैट मिशन मिशन शक्ति को लॉन्च किया था। यह भारत का पहला ए-सैट मिशन है जो विरोधी उपग्रहों को मार गिराने की भारत की क्षमता का प्रदर्शन करता है।

अपाचे
राजपथ पर वायुसेना के लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे ने पहली बार उड़ान भरी। इन पांच हेलीकॉप्टरों के समूह का नेतृत्व विशिष्ट सेवा मेडल प्राप्त 125 हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर मन्नारथ शीलू ने किया। चार साल पहले भारत ने अमेरिका के साथ 22 अपाचे हेलीकॉप्टर का करार किया था।  2022 तक सभी 22 अपाचे हेलीकॉप्टर वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएंगे। 

PunjabKesari
के-9 वज्र-टी टैंक
राजपथ पर पहली बार के-9 वज्र-टी टैंक ने परेड में हिस्सा लिया। इस यूनिट की कमान 269 मीडियम रेजिमेंट के कैप्टन अभिनव साहू ने संभाली। यह दक्षिण कोरिया की तकनीकी पर आधारित लंबी दूरी की आर्टिलरी गन है। इसको भारत में लार्सन एंड ट्रूबो ने बनाया है। इस गन की 100 यूनिटों को सेना में शामिल किया जाएगा।
PunjabKesari

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!