Edited By Seema Sharma,Updated: 14 Jul, 2020 08:36 AM
कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व की तरफ से राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को मनाने की निरंतर कोशिशों के बावजूद वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ अपना बगावती तेवर बरकरार रखे हुए हैं। राजस्थान कांग्रेस में जारी खींचतान को सुलझाने के लिए मंगलवार एक बार...
नेशनल डेस्क: कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व की तरफ से राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को मनाने की निरंतर कोशिशों के बावजूद वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ अपना बगावती तेवर बरकरार रखे हुए हैं। राजस्थान कांग्रेस में जारी खींचतान को सुलझाने के लिए मंगलवार एक बार फिर से बैठक बुलाई गई है। एक सीनियर नेता ने कहा कि सचिन पायलट अभी भी सीएम पद की मांग से हटने के लिए तैयार नहीं हैं।
गहलोत सरकार अल्पमत में
पायलट के करीबी सूत्रों का मानना है कि अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में आ चुकी है। उनके पास 95 विधायकों का ही समर्थन है जबकि बहुमत के लिए 101 विधायकों का समर्थन चाहिए। उन्होंने कहा कि पायलट का भारतीय जनता पार्टी में जाने की कोई योजना नहीं है लेकिन केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से निर्णय लिए जाने के बाद ही वह आगे कोई कदम उठा सकते हैं।
सचिन पायलट के सपोर्ट में पत्नी सारा
सचिन पायलट के बगावती तेवर की पुष्टि उनकी पत्नी सारा पायलट के ट्वीट से भी खुलकर सामने आई है। सारा पायलट ने कई ट्वीट किए हैं, जो सभी राजस्थान के मौजूदा राजनीतिक संकट को लेकर हैं। उन्होंने सचिन पायलट की एक प्रदर्शन की कुछ तस्वीरों के साथ ट्वीट किया ‘सहन करने की हिम्मत रखता हूं, तो तबाह करने का हौसला भी रखता हूं।' सारा पायलट ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘ 6 साल गांव ढाणी सड़कों पर चलने वालो के पैरों मे छाले पड़ गए। संघर्ष भरे जीवन पर पानी फेरकर जयचंद सत्ता हथियाने में लग गए।‘'इसके अलावा उन्होंने कहा की बड़े बड़े जादूगरों के पसीने छूट जाते हैं जब हम दिल्ली का रुख करते हैं। राजस्थान में सरकार बनने में समय से ही गहलोत और पायलट बीच खींचतान चल रही थी लेकिन रविवार को यह विवाद खुलकर सामने आ गया। पायलट समर्थकों की ओर से दावा किया गया कि उनके पास 30 से अधिक विधायकों का समर्थन है और अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में आ चुकी है।
राहुल गांधी और प्रियंका ने संभाला मोर्चा
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभालते हुए पायलट और गहलोत से बात की है। यह बताया जा रहा है कि पायलट ने चार शर्तें रखी हैं जिनमें प्रदेशाध्यक्ष का पद बरकरार रखने के अलावा गृह और वित्त विभाग की मांग की है। इसके अलावा पार्टी कुछ और वरिष्ठ नेताओं ने भी पायलट से संपर्क कर संकट दूर करने का प्रयास किया है। कांग्रेस के एक अन्य सूत्र ने बताया कि पार्टी पायलट को हर हाल में मनाने की कोशिश करेगी। गहलोत आगे की राह आसान नहीं रहने वाली है।
बता दें कि सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर विधायक दल की बैठक से पहले गहलोत ने विक्ट्री साइन दिखाते हुए 109 विधायकों के समर्थन का दावा किया। बैठक में 106 विधायक आए थे। करीब दो घंटे चली बैठक के बाद विधायकों को बसों के जरिए एक होटल ले जाया गया। वहीं पायलट अपनी तल्ख तेवरों के साथ अपने कुछ विधायकों के साथ दिल्ली में जमे हुए हैं।