भारत की संत परंपरा हमेशा ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत'' के लिए खड़ी हुई : प्रधानमंत्री मोदी

Edited By rajesh kumar,Updated: 10 Jul, 2022 05:11 PM

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत की संत परंपरा हमेशा ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत'''' के लिए खड़ी हुई है और रामकृष्ण मिशन की स्थापना उसी से जुड़ी है। रामकृष्ण मिशन के पूर्व प्रमुख स्वामी आत्मस्थानंद के शताब्दी जंयती समारोह के अवसर पर...

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत की संत परंपरा हमेशा ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत'' के लिए खड़ी हुई है और रामकृष्ण मिशन की स्थापना उसी से जुड़ी है। रामकृष्ण मिशन के पूर्व प्रमुख स्वामी आत्मस्थानंद के शताब्दी जंयती समारोह के अवसर पर जारी वीडियो संदेश में मोदी ने रेखांकित किया कि मिशन के संस्थापक स्वामी विवेकानंद ने भारत को महान बनाने के लिए अपना जीवन व्यतीत किया। उन्होंने कहा कि उनका (स्वामी विवेकानंद) प्रभाव पूरे देश में देखा गया और उन्होंने अपनी यात्राओं से गुलामी के दौर में राष्ट्रीय चेतना को जगाया तथा नया विश्वास पैदा किया। मोदी ने कहा कि इसी परंपरा को स्वामी आत्मस्थानंद ने अपने पूरे जीवन में आगे बढ़ाया।

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में मोदी के हवाले से कहा गया, ‘‘चाहे सैकड़ों साल पहले आदि शंकराचार्य रहे हों या आधुनिक काल के स्वामी विवेकानंद, भारत की संत परंपरा हमेशा ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत'' के लिए खड़ी हुई है। रामकृष्ण मिशन की स्थापना भी ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत'' के विचार से जुड़ी है।'' आत्मस्थानंद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री ने उनके साथ बिताए समय को याद किया और कहा कि यह उनका सौभाग्य रहा कि वह उनके निधन तक उनके संपर्क में रहे। प्रधानमंत्री ने उनके मिशन को आम जनता तक ले जाने के लिए फोटो बायोग्राफी और वृत्तचित्र जारी किए जाने पर खुशी जताई।

उन्होंने रेखांकित किया कि आत्मस्थानंद को दीक्षा स्वामी विजनानंद से मिली जो रामकृष्ण परमहंस की परंपरा के थे। मोदी ने कहा कि रामकृष्ण परमहंस की जागृत अवस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा स्पष्ट तौर पर उनमें दिखाई देती थी। मोदी ने देश में एकीककरण की परंपरा के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि ‘संन्यास' का अभिप्राय है स्वयं से ऊपर उठकर समाज के लिए कार्य करना और समाज के लिए जीना। प्रधानमंत्री ने कहा कि विवकेकानंद ने संन्यास की महान परंपरा को आधुनिक रूप दिया और आत्मस्थानंद ने इस परंपरा को जिया तथा अपने जीवन में लागू किया। मोदी ने रेखांकित किया कि भारत में ही नहीं, बल्कि नेपाल और बांग्लादेश में भी बृहद पैमाने पर बेलुर मठ और रामकृष्ण मिशन द्वारा राहत और बचाव कार्य किए गए।

उन्होंने कहा कि वह गरीबों की सेवा और ज्ञान के प्रसार के बारे में सोचते थे और इसके लिए किए जाने वाले कार्य को पूजा की तरह मानते थे। मोदी ने कहा, ‘‘सभी जानते हैं कि रामकृष्ण मिशन के संत राष्ट्रीय एकता के वाहक हैं और जब वह विदेश जाते थे तो भारतीयता का प्रतिनिधित्व करते थे।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि रामकृष्ण परमहंस एक संत थे जिनका देवी काली को लेकर स्पष्ट विचार था और उन्होंने अपना सबकुछ उनके चरणों में समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि मां की चेतना से सबकुछ व्याप्त है और यह चेतना बंगाल में मां काली की पूजा में दिखती है।

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