Edited By vasudha,Updated: 02 Feb, 2021 09:50 AM
आम आदमी पार्टी के बाद अब शिवसेना भी कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में खुलकर सामने आ गई है। इसी कड़ी में शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत आंदोलन कर रहे किसानों से मुलाकात करने आज गाजीपुर पहुंचेंगे। उन्होंने खुद ट्वीट कर...
नेशनल डेस्क: आम आदमी पार्टी के बाद अब शिवसेना भी कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में खुलकर सामने आ गई है। इसी कड़ी में शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत आंदोलन कर रहे किसानों से मुलाकात करने आज गाजीपुर पहुंचेंगे। उन्होंने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
राउत ने ट्वीट कर दी जानकारी
राउत ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा कि किसान आंदोलन जिंदाबाद। मैं आज आंदोलनरत किसानों से मिलने के लिए दोपहर एक बजे गाजीपुर जाऊंगा। जय जवान, जय किसान।' उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार ने किसानों के हित में अनेक फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे संकट के समय में किसानों के साथ खड़े थे। किसानों को होने वाली परेशानी और उनके आंसुओं से दुख होता है। उद्धव ठाकरे की ओर से मिले आदेश के बाद आज में गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसानों से मुलाकात करूंगा।
भारी मात्रा में गाजीपुर पहुंच रहे किसान
भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों और इसके नेता राकेश टिकैत के गाजीपुर यूपी गेट पर जमे रहने और टिकैत की भावनात्मक अपील के बाद राजस्थान, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड से काफी संख्या में किसान यहां पहुंच रहे हैं। प्रदर्शनकारी नवंबर से ही दिल्ली-मेरठ राजमार्ग के एक हिस्से पर काबिज हैं। गाजियाबाद प्रशासन द्वारा प्रदर्शनकारियों को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे खाली करने का अल्टीमेटम देने के बाद आशंका बढ़ गई थी कि प्रदर्शनकारियों को गाजीपुर से जबरन हटा दिया जाएगा। लेकिन राकेश टिकैत की भावनात्मक अपील पर वहां किसानों का हुजूम उमड़ पड़ा।
किले में तब्दील हुए प्रदर्शन स्थल
ऐसे में किसानों के प्रदर्शन स्थलों को किले में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस ने वहां सुरक्षा कड़ी कर दी और बैरीकेड की संख्या बढ़ा दी। दिल्ली-उत्तरप्रदेश की सीमा पर गाजीपुर में वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए कई स्तरीय बैरीकेड लगाए गए हैं। स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है और वाहनों की जांच की जा रही है। 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प के बाद यह कदम उठाया जा रहा है।