Edited By Yaspal,Updated: 20 Jun, 2021 06:41 PM
महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में सबकुछ ठीकठाक नहीं है। कांग्रेस के बदले सुर के बाद अब शिवसेना विधायक ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा है कि वह पीएम मोदी से हाथ मिला लें, इससे उनको बहुत फायदा मिलेगा...
नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में सबकुछ ठीकठाक नहीं है। कांग्रेस के बदले सुर के बाद अब शिवसेना विधायक ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा है कि वह पीएम मोदी से हाथ मिला लें, इससे उनको बहुत फायदा मिलेगा। विधायक द्वारा लिखे गए पत्र पर शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि एक विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है कि इस पर मुझे क्या कहना चाहिए? राउत ने आगे कहा कि यदि पत्र सही तो है, तो उन्होंने एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है कि महा विकास अघाड़ी के विधायकों को परेशान किया जा रहा है।
बतात चलें कि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में ईडी की जांच का सामना कर रहे शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर उनसे अपील की है कि ‘‘बहुत देर होने से पहले'' भाजपा के साथ मेलमिलाप करना ही ठीक रहेगा। सरनाईक ने 10 जून के अपने पत्र में कहा है कि यद्यपि भाजपा से गठबंधन टूट गया है, लेकिन ‘युति' (भाजपा-शिवसेना) के नेताओं के बीच व्यक्तिगत और सौहार्दपूर्ण संबंध बने हुए हैं।
विधायक ने अपने पत्र में कहा है, ‘‘बहुत देर होने से पहले मेलमिलाप करना बेहतर रहेगा।'' उद्धव ठाकरे नीत पार्टी के भाजपा के साथ गठबंधन से अलग होने के बाद शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर 2019 में महा विकास आघाड़ी सरकार बनाई थी। पिछले साल नवंबर में, ईडी ने धनशोधन के मामले में सरनाईक के महाराष्ट्र स्थित परिसरों पर छापेमारी की थी। यह उल्लेख करते हुए कि मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई शहरों में नगर निकाय चुनाव होने हैं।
सरनाईक ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘अभिमन्यु और कर्ण की तरह स्वयं का बलिदान करने की जगह मैं अर्जुन की तरह युद्ध लड़ने में विश्वास करता हूं। यही कारण है कि अपने नेताओं या सरकार से कोई मदद लिए बिना मैं पिछले सात महीने से अपनी कानूनी लड़ाई लड़ रहा हूं।'' ठाणे जिले से विधायक सरनाईक ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और राकांपा शिवसेना में दरार डालने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फिर से हाथ मिलाना बेहतर रहेगा क्योंकि शिवसैनिकों को लगता है कि यह मेरे जैसे, अनिल परब और रवींद्र वायकर जैसे शिवसेना नेताओं को समस्याओं से बचाएगा।''