Edited By vasudha,Updated: 07 Jan, 2020 12:05 PM
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों तथा शिक्षकों पर अज्ञात लोगों के हमले के बाद देश का माहौल गरमा गया है। जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ मुंबई में भी जमकर विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला...
नेशनल डेस्क: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों तथा शिक्षकों पर अज्ञात लोगों के हमले के बाद देश का माहौल गरमा गया है। जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ मुंबई में भी जमकर विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला। इसी बीच गेटवे ऑफ इंडिया पर 'कश्मीर की आजादी' की मांग वालेे पोस्टर ने शिवसेना को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। इसी बीच शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने सफाई देते हुए कहा कि भारत में अगर कोई कश्मीर की आजादी की बात करेगा तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राउत ने मंगलवार को कहा कि मैंने आज के अखबार पढ़े हैं, जिसमें फ्री कश्मीर का बैनर थामने वाले लोगों ने साफ किया है कि फ्री कश्मीर के पीछे उनकी कोशिश सिर्फ कश्मीर से इंटरनेट सेवाओं, मोबाइल सेवाओं और अन्य चीजों पर जारी बंदिशों को खत्म करने की मांग को सामने रखने की थी। इसके किसी अन्य मंशा से जोड़ने की कोशिश न की जाए। हालांकि संजय राउत ने साफ किया यदि कोई भी भारत से कश्मीर की आजादी की बात करेगा जो इसे सहन नहीं किया जाएगा।
बता दें कि जेएनयू में हुए हमले के विरोध में आधी रात को दक्षिण मुम्बई के कोलाबा में गेटवे ऑफ इंडिया के सामने बड़ी संख्या में छात्रों और महिलाओं सहित बड़ी संख्या में लोग जमा हुए और विरोध प्रदर्शन किया। इसी दौरान एक पोस्टर दिखाई पड़ा था, जिसपर ‘FREE KASHMIR’ लिखा था. इसी मसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने शिवसेना पर निशाना साधा था।
गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में रविवार रात लाठियों और लोहे की छड़ों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने परिसर में प्रवेश कर छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। बाद में प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा।