Edited By vasudha,Updated: 18 May, 2020 02:19 PM
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नेशनल डेस्क: आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि आज पूरी तरह से यह साबित हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) केवल और केवल अमीरों की पार्टी है तथा गरीबों एवं मजदूरों से उनका कोई सरोकार नहीं है इसलिए उन्हें सड़कों पर मरने के लिए छोड़ दिया है। सिंह ने सोमवार को एक बयान जारी कर भाजपा पर हमला बोला।
आप नेता ने कहा कि आज देश में हालात इतने भयावह हैं कि छोटे-छोटे मासूम बच्चे भूखे-प्यासे सड़कों पर चल रहे हैं। पैदल चल-चलकर बच्चों और बुजुर्गों के पैरों में छाले पड़ गए हैं। छोटे-छोटे बच्चे थक कर चूर हो कर सूटकेस पर सो रहे हैं और उनकी मां सूटकेस घसीटते हुई सड़क पर चले जा रही है। चारों तरफ इतनी भयावह स्थिति बनी हुई है और भाजपा धृतराष्ट्र की तरह आंख पर पट्टी बांधकर बैठी हुई है। केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार को गरीबों, मजदूरों और देश के अंतिम व्यक्ति का दर्द नजर नहीं आ रहा है। इससे यह साफ हो जाता है कि भाजपा केवल और केवल अमीरों की पार्टी है, गरीब जनता से उनको कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि आज देश के सामने कोरोना से भी बड़ी समस्या प्रवासी मजदूरों के पलायन की है। आज लाखों मजदूर अपने घर जाने के लिए परेशान हैं।
सिंह ने कहा कि भाजपा विदेशों से विमानों के जरिए लोगों को अपने देश में ला सकती है, परंतु जब बात गरीब मजदूर को उसके घर पहुंचाने की हो तो वह नाटक करने लगती है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल की क्षमता एक दिन में दो करोड़ 30 लाख लोगों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने की है, तो क्यों नहीं केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार गरीब मजदूर प्रवासियों के लिए ट्रेनों का प्रबंध करके उन सब को उनके घर तक पहुंचाने का उपाय करती है? आप संसद ने कहा कि क्या भाजपा ने सरकार की स्थापना मजदूरों पर लाठियां बरसाने के लिए की है? आज इस घृणित कृत्य से भाजपा का क्रूर और गरीब विरोधी चेहरा देश की जनता के सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के लगभग दो महीने होने को है और आगे भी एक लंबे समय तक हम सभी को मास्क पहनने, हाथ धोने, उचित दूरी बनाए रखने जैसी सावधानियां बरतने की जरूरत होगी। परंतु इसी के साथ साथ व्यवसायिक गतिविधियों को भी शुरू करना पड़ेगा, क्योंकि यदि अर्थव्यवस्था ध्वस्त हुई तो सामान्य जनजीवन भी ध्वस्त हो जाएगा।
आप नेता ने कि लॉकडाउन कोई अंतहीन प्रक्रिया नहीं है। यदि लॉक डाउन को अंतहीन तरीके से लागू किया जाएगा, तो जितने लोग कोरोना से नहीं मरेंगे, उससे कहीं ज्यादा लोग भूख से मर जाएंगे। लोगों के कारोबार रोजगार बर्बाद हो रहे हैं। आज लोग आर्थिक संकट की स्थिति से गुजर रहे हैं। यदि धीरे-धीरे लॉकडाउन को नहीं खोला गया तो यह एक भयावह स्थिति का रूप ले लेगा। सिंह ने कहा कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार की ओर से प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए एक स्पष्ट दिशा निर्देश की उम्मीद थी, वह केवल और केवल हवा-हवाई और किताबी बातें साबित हुई हैं।