जानिए क्या है संजीवनी सोसाइटी घोटाला, राजस्थान HC ने केंद्रीय मंत्री शेखावत को भेजा नोटिस

Edited By Seema Sharma,Updated: 23 Dec, 2020 04:23 PM

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राजस्थान हाईकोर्ट ने संजीवनी कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी में हुए कथित 900 करोड़ रुपए के घोटाले के सिलसिले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उनकी पत्नी और 15 अन्य को नोटिस जारी किया है। जस्टिस विजय विश्नोई की खंडपीठ ने यह नोटिस सोसाइटी में निवेश...

नेशनल डेस्क: राजस्थान हाईकोर्ट ने संजीवनी कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी में हुए कथित 900 करोड़ रुपए के घोटाले के सिलसिले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उनकी पत्नी और 15 अन्य को नोटिस जारी किया है। जस्टिस विजय विश्नोई की खंडपीठ ने यह नोटिस सोसाइटी में निवेश करने वालों के संगठन संजीवनी पीड़ित संघ की ओर से दायर याचिका पर जारी किया। याचिकाकर्ता के वकील मधुसूदन पुरोहित ने कहा कि सोसाइटी के चेयरमैन विक्रम सिंह और शेखावत सहित अन्य लोगों ने फर्जी दस्तावेज व पोस्टर दिखा निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की। आरोप है कि शेखावत जोधपुर से लोकसभा चुनाव जीतने से पहले सोसाइटी में साझेदार थे। संजीवनी पीड़ित संघ ने सोसाइटी के मालिक, साझेदार और अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर हजारों निवेशकों को इंसाफ दिलाने का अनुरोध किया है जिन्होंने कथित तौर पर अपना 900 करोड़ रुपए खो दिया है।

 

ये है पूरा मामला?
संजीवनी सोसाइटी घोटाला राजस्थान सोसाइटी एक्ट के तहत 2008 में रजिस्टर्ड कराया गया था। इसके बाद साल 2010 में यह सासाइटी मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी के रूप में बदल गई। इस सोसाइटी के पहले मैनेजिंग डायरेक्टर विक्रम सिंह थे। विक्रम का नाम घोटाले की जांच में प्रमुख है। माना जाता है कि विक्रम सिंह इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड था और उसकी इस मामले में गिरफ्तारी भी हो चुकी है। दायर याचिका में कहा गया कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी ने लोगों से इसमें भारी निवेश करवाया और निवेशकों को फर्जी रिकॉर्ड पोस्टर दिखा कर धोखे में रखा। लोगों ने निवेश किए गए पैसे भी उनको लौटाए नहीं गए।

 

केंद्रीय मंत्री को इसलिए नोटिस
बताया जाता है कि इस घोटाले के मास्टरमाइंड विक्रम सिंह और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच कनेक्शन है। दोनों की एक साथ तस्वीर भी सामने आई थी। साथ ही आरोप हैं कि निवेशकों का पैसा गलत तरीके से विक्रम के खातों में ट्रांसफर हुआ और विक्रम ने आगे एक ऐसी कंपनी से शेयर खरीदे जिसके शेयरहोल्डर गजेंद्र सिंह भी हैं। हालांकि इस मामले में हाईकोर्ट से गजेंद्र सिंह शेखावत को राहत मिल चुकी है। गजेंद्र सिंह की भूमिका की जांच को लेकर निचली अदालत ने आदेश दिए थे, जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। अब एक बार फिर से संजीवनी पीड़ित संघ ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है जिस पर जोधपुर खंडपीठ ने गजेंद्र सिंह को नोटिस जारी किया है।

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