एक गोली और जिंदगी खत्म! आखिर क्यों इतनी सस्ती हो गई जान

Edited By Anil dev,Updated: 13 Jun, 2018 01:30 PM

sant bhayyu maharaj himanshu roy rajesh sahni

अध्यात्मिक संत भय्यू महाराज ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। भय्यू महाराज  के इस कदम से सारा देश हैरान है। नेताअों से लेकर फिल्म जगत, सहित लाखों लोग भय्यूजी के भक्त थे। उन्होंने खुदकुशी क्यों की इसको लेकर सभी हैरान हैं। वहीं भय्यूजी महाराज ने...

नई दिल्ली: अध्यात्मिक संत भय्यू महाराज ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। भय्यू महाराज  के इस कदम से सारा देश हैरान है। नेताअों से लेकर फिल्म जगत, सहित लाखों लोग भय्यूजी के भक्त थे। उन्होंने खुदकुशी क्यों की इसको लेकर सभी हैरान हैं। वहीं भय्यूजी महाराज ने जिस स्थान पर आत्महत्या की वहां पर एक पन्ने का सुसाइड नोट पुलिस को मिला है। उस सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदार किसी को नहीं ठहराया है। भय्यूजी पहली शख्सियत नहीं हैं, जिन्होंने खुद को गोल मारकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली हो। इससे पहले भी देश के दो जाबांज अफसरों ने भी खुद को गोली मारकर आत्म हत्या कर ली थी।
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महाराष्ट्र आतंकवाद-रोधी प्रकोष्ठ के पूर्व प्रमुख हिमांशु रॉय ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। रॉय ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारी थी। परिजन उन्हेे लेकर फौरन अस्पताल पहुंचे थे लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका क्योंकि उन्होंने अपने मुंह में रखकर गोली मारी थी।1988 बैच के आईपीएस अधिकारी रॉय कैंसर से पीड़ित थे और अप्रैल 2016 से मेडिकल लीव पर थे। उन्होंने एटीएस प्रमुख रहते हुए पहली बार साइबर क्राइम सेल स्थापित किया था। उन्होंने 2013 में स्पॉट फिक्सिंग मामले में बिंदु दारा सिंह को गिरफ्तार किया था इसके अलावा अंडरवल्र्ड सरगना दाऊद इब्राहीम के भाई इकबाल कासकर के ड्राइवर आरिफ बेल का एनकाउंटर में भी उनका नाम आया था। उन्होंने पत्रकार जेडे हत्याकांड को हल किया था, इसके अलावा उन्होंने लैला खान मर्डर केस का भी खुलासा किया था।
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इससे पहले लखनऊ एटीएस में तैनात अपर पुलिस अधीक्षक राजेश साहनी ने खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया था। इस खबर के बाद महकमें में हड़कंप मच गया। राजेश साहनी 1992 में पीपीएस सेवा में आए थे। 2013 में वह अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर प्रमोट हुए थे। एटीएस में रहते हुए राजेश साहनी ने कई ऑपरेशन को सफलता से अंजाम दिया था। इस दौरान उन्होंने कई आतंकियों को गिरफ्तार करने में सफल भूमिका निभाई। राजेश साहनी एटीएस के तेज तर्रार अफसरों में से एक माने जाते थे। अभी पिछले हफ्ते ही एटीएस की टीम को राजेश साहनी के नेतृत्व में बड़ी सफलता उत्तराखंड में हाथ लगी थी। एटीएस टीम ने यहां मिलिट्री इंटेलिजेंस और उत्तराखंड पुलिस के साथ मिलकर संदिग्ध आईएसआई एजेंट रमेश सिंह को गिरफ्तार किया था। इसके बाद राजेश साहनी ने रमेश सिंह को कोर्ट में पेश​ किया था और उसे ट्रांजिट रिमांड पर यूपी लाए थे।


 

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