Edited By Monika Jamwal,Updated: 10 Jul, 2018 07:29 PM
कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सेना और अन्य सुरक्षा बलों की ओर से चलाए जा रहे अभियान ‘ऑपरेशन ऑलआउट’ के लिए आज बेहद खास दिन है क्योंकि इसने अपने अभियान का एक और शतक पूरा कर लिया।
श्रीनगर (मजीद) : कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सेना और अन्य सुरक्षा बलों की ओर से चलाए जा रहे अभियान ‘ऑपरेशन ऑलआउट’ के लिए आज बेहद खास दिन है क्योंकि इसने अपने अभियान का एक और शतक पूरा कर लिया। सेना और सुरक्षा बलों की ओर से आतंकियों के सफाए को लेकर चलाए जा ऑपरेशन में आज तक 101 आतंकियों ढेर कर दिया गया। शोपियां में मंगलवार को एक मुठभेड़ में दो और आतंकियों के मारे जाने से यह आंकड़ा 100 के पार पहुंच गया।
‘ऑपरेशन ऑलआउट’ के तहत मारे गए 101 आतंकियों में से 26-27 विदेशी और बाकी के आतंकी कश्मीर घाटी के ही हैं। इस साल 6 महीने में ही सेना और सुरक्षा बलों ने ‘ऑपरेशन ऑलआउट’ के तहत शतक पूरा किया। पिछले साल सेना और सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में कुल 213 आतंकी मारे गए थे। इस साल पिछले महीने रमजान के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से एकतरफा सीजफायर की घोषणा की गई थी, जिस कारण कश्मीर घाटी में ‘ऑपरेशन ऑलआउट’ बंद रहा था जिस कारण आतंकियों के खात्मे की संख्या कम दिख रही है।
युवाओं का आतंकी बनना चिंता का विषय
हालांकि सुरक्षा बलों के लिए सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि कश्मीर के युवा बड़ी संख्या में लगातार आतंकी संगठनों में शामिल हो रहे हैं। 2018 में अभी तक 82 युवा आतंकी संगठनों में शामिल हो गए हैं। सबसे ज्यादा अप्रैल महीने में 25 युवा आतंकी संगठनों से जुड़े। ज्यादातर कश्मीरी युवा हिज्बुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो रहे हैं, जबकि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तोयबा में शामिल होने वाले युवाओं की संख्या कम है। शोपियां और पुलवामा से सबसे ज्यादा युवा आतंकी संगठनों में शामिल हो रहे हैं।