सर्बजीत मर्डर केस: जांच में सुस्ती से PAK कोर्ट खफा, DSP को अरेस्ट करने के आदेश

Edited By ,Updated: 15 Feb, 2017 11:00 AM

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पाकिस्तान के एक न्यायाधीश ने कहा कि भारतीय नागरिक सर्बजीत सिंह की हत्या के बहुचर्चित मामले में ‘‘बहुत कम’’ प्रगति हुई है...

लाहौर: पाकिस्तान के एक न्यायाधीश ने कहा कि भारतीय नागरिक सर्बजीत सिंह की हत्या के बहुचर्चित मामले में ‘‘बहुत कम’’ प्रगति हुई है। 


अदालत के साथ सहयोग न करने पर पुलिस को फटकार
न्यायाधीश ने अदालत के साथ सहयोग न करने के लिए पुलिस को फटकार लगाई और जेल के एक अधिकारी को गिरफ्तार करने के आदेश भी दिए।लाहौर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कल लाहौर पुलिस प्रमुख को आदेश दिया कि वह कोट लखपत जेल के उपाधीक्षक की 17 फरवरी को अदालत में पेशी सुनिश्चित करें। लाहौर में कोट लखपत सेंट्रल जेल में करीब 4 साल पहले सर्बजीत की हत्या कर दी गई थी। न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में ‘‘बहुत कम’’ प्रगति हुई है। सुनवाई के दौरान न्यायधीश ने अदालत के साथ सहयोग नहीं करने को लेकर जेल प्राधिकारियोंं को फटकार लगाई और बार-बार समन जारी किए जाने के बावजूद अदालत में पेश नहीं होने वाले उप अधीक्षक को जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। 


हमलावरों ने कबूल किया जुर्म
मौत की सजा काट रहे दो कैदी आमिर तंबा और मुदस्सर ने मई 2013 में कोट लखपत जेल में सर्बजीत पर कथित तौर पर हमला करके उसकी हत्या कर दी थी।तांबा और मुदस्सर ने कमीशन के सामने अपना जुर्म कबूल किया था।दोनों का कहना था कि सर्बजीत पर लाहौर और फैसलाबाद में बम ब्लास्ट करके लोगों की जान लेने का आरोप था।वे इसका बदला लेना चाहते थे।लाहौर उच्च न्यायालय के एक सदस्यीय न्यायिक आयोग के न्यायाधीश मजहर अली अकबर नकवी ने सत्र अदालत में मामला शुरू होने से पहले सर्बजीत हत्या मामले की जांच की थी। नकवी ने मामले में 40 गवाहों के बयान दर्ज किए थे और इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इसे अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।  


रिश्तेदारों को भी नोटिस जारी
एक सदस्यीय न्यायिक आयोग ने विदेश मंत्रालय के जरिए सर्बजीत के रिश्तेदारों को भी नोटिस जारी किया है ताकि उनके बयान दर्ज किए जा सकें और अगर उनके पास हत्या से संबंधित कोई सबूत है तो उन्हें भी पेश किया जा सकें।अधिकारियों ने बताया कि बहरहाल सर्बजीत के परिवार ने अपने बयान दर्ज नहीं करवाए।आयोग को दिए अपने बयान में आमिर और मुदस्सर ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए कहा था कि वह सर्बजीत की हत्या करके लाहौर और फैसलाबाद बम विस्फोटों में मारे गए लोगों की हत्या का बदला लेना चाहते थे।अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लाहौर की अदालत में आमिर और मुदस्सर दोनों ही हत्या मामले में दोषी पाए गए हैं। मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।  

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