Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Sep, 2017 11:21 PM
हालांकि सीसीटीवी फुटेज से हमलावरों की पहचान मुश्किल लग रही है, क्योंकि हमलावरों ने हेलमेट पहन रखे थे। वे जिन बाइकों पर सवार थे, उनके नंबर प्लेट भी नहीं थे
बेंगलुरु: जीवन भर अतिवादी विचारधारा से लड़ने वाली गौरी लंकेश जीवन के आखिरी पल में भी उनमें लड़ने का वही जज्बा दिखा। घर में लगे चार सीसीटीवी कैमरों से मिली फुटेज में साफ दिखा कि पहले हमलावर द्वारा तीन गोली मारे जाने के बावजूद जान बचाने के लिए गौरी लंकेश घर की ओर भागीं। हालांकि सीसीटीवी फुटेज से हमलावरों की पहचान मुश्किल लग रही है, क्योंकि हमलावरों ने हेलमेट पहन रखे थे। वे जिन बाइकों पर सवार थे, उनके नंबर प्लेट भी नहीं थे।
हिंदुत्ववादी विचारधारा की धुर विरोधी मानी जाने वाली गौरी लंकेश की मंगलवार रात बेंगलुरू में उनके घर के सामने अंधाधुंध गोलीबारी कर हत्या कर दी गई। राज्य सरकार ने गौरी लंकेश की हत्या के मामले की एसआईटी जांच का आदेश दे दिया है। हालांकि गौरी लंकेश के भाई ने सीबीआई जांच की मांग की है।
गौरी लंकेश को इस अनहोनी का अहसास हो चुका था। तभी शायद उनके जेहन में ये साफ रहा होगा कि एक खास विचारधारा का विरोध उनकी जिंदगी को मौत में बदल सकता है। गौरी ने कर्नाटक के पुलिस प्रमुख आर के दत्ता को भी बताया था कि उनकी जान को खतरा है।
पुलिस महानिदेशक आर के दत्ता दत्ता ने बताया कि पत्रकार गौरी लंकेश ने उनके साथ कई मुलाकातों के दौरान अपने जीवन पर खतरा बताया था। यहां तक की गौरी ने कई बार सार्वजनिक तौर पर कहा था कि उनकी जान को खतरा है लेकिन अब प्रशासन का कहना है कि गौरी ने कभी भी अपने लिए सुरक्षा नहीं मांगी। ऐसे में उनको सुरक्षा कैसे दी जा सकती थी।