Edited By Seema Sharma,Updated: 19 Jun, 2020 04:27 PM
पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती और जगन्नाथ मंदिर के अन्य पुजारियों ने शुक्रवार को इस बात पर जोर दिया कि रथ यात्रा को रोकने के अपने फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ‘दोबारा विचार’ करे और जरूरी एहतियात के साथ इस उत्सव को आयोजित करने की मंजूरी दे।...
नेशनल डेस्कः पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती और जगन्नाथ मंदिर के अन्य पुजारियों ने शुक्रवार को इस बात पर जोर दिया कि रथ यात्रा को रोकने के अपने फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ‘दोबारा विचार’ करे और जरूरी एहतियात के साथ इस उत्सव को आयोजित करने की मंजूरी दे। कोरोना के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘मागे परब’ को रोकने के फैसले को सही करार देते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि इस पर दोबारा विचार करके ‘कुछ ही सेवकों के साथ इस समारोह को आयोजित करने की मंजूरी दी जा सकती है।’ उन्होंने कहा कि श्रद्धालु इस साल इस उत्सव को टीवी पर देख सकते हैं।
नौ दिन तक चलने वाले इस उत्सव की शुरुआत रथ यात्रा से होती है जिस पर भगवान जगन्नाथ, भगवान बलराम और देवी सुभद्रा को यहां गुडिचा मंदिर तक और वहां से वापस मंदिर लाने के दौरान रथ यात्रा निकाली जाती है। पुरी में गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य यहां धार्मिक प्रमुख हैं और विवादों को लेकर उनके विचारों को 12वीं शताब्दी के इस मंदिर द्वारा स्वीकार किया जाता है। श्री जगन्नाथ मंदिर के सेवकों की शीर्ष इकाई छत्तीसा नियोग ने भी राज्य सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट से संपर्क करने की अपील की है।