वकीलों के ऊंची आवाज में बहस करने पर SC खफा, चीफ जस्टिस ने लगाई फटकार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Dec, 2017 04:21 PM

sc angry on senior lawyers as they talked in loud voice

सुप्रीम कोर्ट में ‘बार और बेंच’ के बीच आज उस वक्त एक बार रस्साकशी देखने को मिली जब मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कुछ वरिष्ठ अधिवक्ताओं के व्यवहार पर गंभीर आपत्ति जताई। न्यायमूर्ति मिश्रा ने पारसी महिलाओं के धर्मपरिवर्तन से जुड़े मामले की सुनवाई के...

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में ‘बार और बेंच’ के बीच आज उस वक्त एक बार रस्साकशी देखने को मिली जब मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कुछ वरिष्ठ अधिवक्ताओं के व्यवहार पर गंभीर आपत्ति जताई। न्यायमूर्ति मिश्रा ने पारसी महिलाओं के धर्मपरिवर्तन से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान अपनी गहरी आपत्तियां दर्ज कराई। वह इस मामले में पांच-सदस्यीय संविधान पीठ का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र और अयोध्या विवाद को लेकर हुई सुनवाइयों के दौरान वकीलों के व्यवहार का उल्लेख भी किया तथा इसे लेकर तल्ख टिप्पणी भी की।  उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के मामले में अगर वरिष्ठ वकील राजीव धवन के तर्क बेहद उद्दंड और खराब थे तो अयोध्या विवाद में कुछ वरिष्ठ अधिवक्ताओं का लहजा और भी अधिक खराब था। इन दोनों मामलों में वकीलों के बेकार और उद्दंड तर्कों के बारे में जितना कम कहा जाए, उतना ही अच्छा।

  नाराज मुख्य न्यायाधीश ने वकीलों को संयम बरतने की सलाह देते हुए कहा कि अगर ‘बार’ स्वनियमन नहीं करता तो ‘बेंच’ को मजबूर होकर इस ओर कदम उठाना होगा। ऊंची आवाज में बहस करने के तरीकों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ वकील सोचते है कि वे ऊंची आवाज में बहस कर सकते हैं, जबकि वे यह नहीं जानते कि इस तरह की बहस सिर्फ यह बताती है कि वे वरिष्ठ अधिवक्ता होने के लायक नहीं है। शीर्ष अदालत ने वकीलों की तर्क शैली और रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि अयोध्या जमीन विवाद और दिल्ली सरकार की केंद्र के खिलाफ लड़ाई वाले मामलों में कुछ वरिष्ठ वकीलों ने खराब व्यवहार की बानगी पेश की।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच अधिकार क्षेत्रों की लड़ाई मामले में राजीव धवन और अयोध्या विवाद में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल बहस कर रहे हैं। पारसी धर्मपरिवर्तन से संबंधित मामले में संविधान पीठ के अन्य सदस्य हैं- न्यायमूर्ति ए के सिकरी, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण।

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