Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Feb, 2018 09:12 AM
उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार के मामलों के प्रति मध्य प्रदेश सरकार के रवैए पर हैरानी जाहिर करते हुए वीरवार को सवाल किया, ‘‘क्या एक बलात्कार की कीमत 6500 रुपए है? न्यायालय ने राज्य सरकार से सवाल किया कि यौन उत्पीड़न के पीड़ितों को इतनी कम राशि देकर क्या...
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार के मामलों के प्रति मध्य प्रदेश सरकार के रवैए पर हैरानी जाहिर करते हुए वीरवार को सवाल किया, ‘‘क्या एक बलात्कार की कीमत 6500 रुपए है? न्यायालय ने राज्य सरकार से सवाल किया कि यौन उत्पीड़न के पीड़ितों को इतनी कम राशि देकर क्या आप ‘खैरात’ बांट रहे हैं। न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने मध्य प्रदेश सरकार के हलफनामे का अवलोकन करते हुए कहा, ‘‘आप (म.प्र.) और आपके 4 हलफनामों के अनुसार आप बलात्कार पीड़ित को औसतन 6000 रुपए दे रहे हैं।
आप की नजर में बलात्कार की कीमत 6500 रुपए है?’’ पीठ ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए सवाल किया-क्या यह अच्छा है, सराहनीय है? यह सब क्या है? यह और कुछ नहीं सिर्फ संवदेनहीनता है।’’ पीठ ने कहा कि निर्भया कोष के अंतर्गत सबसे अधिक धन मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने 1951 बलात्कार पीड़ितों पर सिर्फ 1 करोड़ रुपए ही खर्च किए हैं।