SC नाराज, नर्सों के हालात पर केंद्र को कानून बनाने के आदेश!

Edited By ,Updated: 29 Jan, 2016 04:01 PM

sc asks centre to set up panel to look into nurses grievances

सुप्रीम कोर्ट ने निजी अस्पतालों में नर्सों की काम करने के हालात पर चिंता जताते हुए आज केंद्र सरकार से कहा कि वह देशभर में निजी अस्पतालों और निजी नर्सिंग होम्स में काम करने वाली नर्सों

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने निजी अस्पतालों में नर्सों की काम करने के हालात पर चिंता जताते हुए आज केंद्र सरकार से कहा कि वह देशभर में निजी अस्पतालों और निजी नर्सिंग होम्स में काम करने वाली नर्सों की सेवा शर्तों से संबंधित शिकायतों को देखने के लिए चार सप्ताह के भीतर विशेषज्ञों की समिति गठित करे। साथ ही यह कमेटी देखे कि निजी अस्पतालों में नर्स किन हालात में काम करने को मजबूर हैं।

न्यायमूर्ति एआर दवे की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने केंद्र से यह भी कहा कि वह मुद्दे पर विशेषज्ञ समिति द्वारा की जाने वाली सिफारिशों के आधार पर कोई कानून बनाने पर विचार करे। पीठ ने नर्सों की इकाई द्वारा दायर याचिका का निपटारा कर दिया जिसमें निजी चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत नर्सों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए कई राहत मांगी गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई कानून न होने की वजह से ही नर्सों का शोषण होता है, यदि कानून होगा तो यह अपना काम करेगा। 

बता दें कि कोर्ट में ट्रेंड नर्सेज एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने याचिका लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि निजी अस्पतालों में नर्सों को बहुत कम सैलरी दी जाती है। सेवा शर्तें ऐसी होती हैं कि जिनसे शोषण होता है। काम करने के घंटे बहुत ज्यादा होते हैं। तमाम सर्टिफिकेट जमा करा लिए जाते हैं। इसलिए बहुत जल्द दूसरी नौकरी पर जाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 

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