Edited By Seema Sharma,Updated: 20 Jan, 2021 01:14 PM
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों द्वारा 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली निकाले जाने के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में दखल नहीं देंगे। चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे...
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों द्वारा 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली निकाले जाने के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में दखल नहीं देंगे। चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने केंद्र सरकार से कहा कि वो ट्रैक्टर रैली के खिलाफ अपनी याचिका वापिस ले ले। साथ ही CJI ने कहा कि पुलिस को इसमें उचित आदेश जारी करने का अधिकार है लेकिन ट्रैक्टर मार्च में हम हस्ताक्षेप नहीं करेंगे। कोर्ट ने कहा कि पुलिस को जैसे ठीक लगता है वो उचित आदेश जारी कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की अर्जी पर कहा कि आप प्राधिकार हैं और आपको इससे निपटना है, इस पर आदेश पारित करना अदालत का काम नहीं है। वहीं कृषि कानून पर बनी कमेटी के सामने पेश होने पर किसानों ने कहा कि हम वहां नहीं जाएंगे, इस पर कोर्ट ने सख्त होते हुए कहा कि कमेटी पर सवाल उठाना ठीक नहीं है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगर किसान कमेटी के पास नहीं जाना चाहते हैं तो न जाएं। कोर्ट ने कहा कि कमेटी में शामिल सदस्य अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं, उन पर किसी तरह का संदेह या सवाल उठाना गलत।
बता दें कि इससे पहले पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि 26 जनवरी को किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली कानून-व्यवस्था से जुड़ा मामला है और यह फैसला लेने का पहला अधिकार पुलिस को है कि राष्ट्रीय राजधानी में किसे प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए। पीठ ने कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट यह बताएगा कि पुलिस की क्या शक्तियां हैं और वह इनका इस्तेमाल कैसे करेगी? हम आपको यह नहीं बताने जा रहे कि आपको क्या करना चाहिए।