Edited By Yaspal,Updated: 07 Apr, 2020 05:30 PM
तबलीगी जमात के कारनामों के खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्यमंत्री न्यायाधीश जस्टिस बोबड़े के समक्ष लेटर पिटीशन दायर की गई है। इसमें मांग की गई कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय को तबलीगी जमात की सभी...
नेशनल डेस्कः तबलीगी जमात के कारनामों के खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्यमंत्री न्यायाधीश जस्टिस बोबड़े के समक्ष लेटर पिटीशन दायर की गई है। इसमें मांग की गई कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय को तबलीगी जमात की सभी गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश दे। यह लेटर पेटिशन दिल्ली के शाहदरा निवासी अजय गौतम ने दायर की है।
बता दें कि इसके अलावा पेटिशन में यह भी मांग की गई है कि पिछले दिनों पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में तबलीगी जमात की भूमिका की जांच सीबीआई से करवाने का आदेश दिया जाए। इसके साथ ही इस बात की भी सीबीआई से जांच करवाई जाए कि देशभर में कोरोना वायरस फैलाने के पीछे तबलीगी जमात की क्या साजिश है?
गौरतलब है कि लेटर पेटिशन में निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात की अवैध बिल्डिंग को ढहाए जाने की मांग भी की गई है। तबलीगी जमात की बिल्डिंग सात मंजिल की है। ये बिल्डिंग नगर निगम के जैव कानूनों के खिलाफ और संबंधित एजेंसी से बिना अनुमति लिए बनाई गई है। तबलीगी जमात की बिल्डिंग को बनाते समय पुलिस, फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट और अन्य संबंधित एजेंसियों से एनओसी नहीं ली गई। इसीलिए MCD अधिनियम के प्रावधान के तहत इस बिल्डिंग को ध्वस्त किया जा सकता है।
बता दें कि तबलीगी जमात के पदाधिकारी खुद निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन के SHO के सामने कबूल कर चुके हैं कि मरकज की बिल्डिंग अवैध है। मरकज की बिल्डिंग का इस्तेमाल जमातियों, छात्रों और विदेशियों को ठहराने के लिए हॉस्टल की तरह होता है। यहां एक समय में 2 से 3 हजार लोग रहते हैं।