Edited By ,Updated: 08 May, 2017 02:27 PM
सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 मामले में ट्रैक्टर और कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट नेे सरकार को निर्देश दिए कि ट्रैक्टर और कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट को
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 मामले में ट्रैक्टर और कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट नेे सरकार को निर्देश दिए कि ट्रैक्टर और कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट को बीएस-4 नार्म्स से बाहर रखा जाए। कोर्ट के इस फैसले से महिंद्रा एंड महिंद्रा, एस्कॉर्ट्स और अशोक लेलैंड जैसी कंपनियों को बड़ी राहत मुमकिन है।
सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक कृषि और कंस्ट्रक्शन वाहनों के लिए अलग मापदंड तय किए जाएंगे। कंसल्टेशन के बाद नए मापदंड तय किए जाएंगे और कंपनियां नए मापदंड मानने को तैयार हैं।
कंपनियों को दी छूट
सरकार ने देश में सभी तरह के वाहनों के लिए बीएस फोर नार्म्स लागू कर दिए थे। सभी की बिक्री 1 अप्रैल से शुरू होनी थी लेकिन ट्रैक्टर्स और कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट कंपनियों ने उन्हें इससे बाहर रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। कंपनियों का मानना है कि इस नॉर्म्स को लागू करने के लिए काफी समय चाहिए। इसके अलावा यदि बदलाव करते हैं तो किसानों के लिए कृषि उपकरण ट्रैक्टर, जेनसेट, पॉवर टीलर आदि बहुत महंगे हो जाएंगे। ऐसे में कोर्ट ने ट्रैक्टर्स कंपनियों के साथ-साथ कंस्ट्रक्शन कंपनियों को भी बीएस फोर नार्म्स से छूट दी है।
6.5 लाख ट्रैक्टर्स बिकते हैं हर साल
देश में हर छोटी-बड़ी सभी कंपनियां मिलकर लगभग 6.5 लाख ट्रैक्टर्स बेचती हैं। इनमें सबसे बड़ा मार्कीट शेयर महिंद्रा एंड महिंद्रा का 40 फीसदी है। महिंद्रा एंड महिंद्रा, स्वाराज और गुजरात ट्रैक्टर्स ब्रांड से ट्रैक्टर्स बनाती है। इसके अलावा दूसरे नंबर पर एक्सकॉर्टस, तीसरे पर टैफे और चौथे पर सोनालिका ब्रांड से ट्रैक्टर्स बनाने वाली कंपनी इंटरनैशनल शामिल है। इसके साथ ही कुछ विदेशी प्लेयर भी भारत में अपने पैर जमाए हुए हैं। इनमें बड़ा नाम जॉन डियर, न्यू हॉलैंड, कुबोटा, डल्ट फ्रेहार, शामिल हैं। इसके अलावा अशोक लेलैंड कंपनी जो कि जॉन डीयर और अन्य कंपनियों के लिए इंजिन बनाती है के लिए ये फिलहाल राहत वाली खबर है।