SC ने मुस्लिम बच्चियों के खतने पर उठाए सवाल, कहा- यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन

Edited By vasudha,Updated: 10 Jul, 2018 01:45 PM

sc raises questions on circumcision of muslim girls

उच्चतम न्यायालय ने दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय में नाबालिग बच्चियों का खतना किए जाने की प्रथा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह एक बच्ची के शरीर की ‘‘ अखंडता ’’ को भंग करता है...

नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय में नाबालिग बच्चियों का खतना किए जाने की प्रथा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह एक बच्ची के शरीर की ‘‘ अखंडता ’’ को भंग करता है। केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ को कहा कि इस प्रथा से बच्ची को ऐसा नुकसान पहुंचता है जिसे भरा नहीं जा सकता और इसको प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।  

ये बच्ची के शरीर की अखंडता को करता है भंग
वेणुगोपाल ने पीठ से कहा कि अमेरिका , ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और 27 अफ्रीकी देशों में इस प्रथा पर रोक लगी हुई है। मुस्लिम समुदाय की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील ए एम सिंघवी ने कहा कि मामले को संवैधानिक पीठ के पास भेजा जाना चाहिए क्योंकि यह एक धर्म की आवश्यक प्रथा का मामला है, जिसकी जांच की आवश्यकता है। इस दौरान पीठ ने पूछा कि किसी एक व्यक्ति की शारीरिक अखंडता क्यों और कैसे एक आवश्यक प्रथा हो सकती है? यह एक बच्ची के शरीर की ‘‘ अखंडता ’’ को भंग करता है।  

खतने का स्वास्थ्य पर पड़ता है असर 
पीठ ने कहा कि किसी अन्य के जननांगों पर किसी और का नियंत्रण क्यों होना चाहिए? सुनवाई के दौरान वेणुगोपाल ने केंद्र के रुख को दोहरते हुए कहा कि इस प्रथा से बच्ची के कई मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है और इससे भी अधिक खतने का स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। सिंघवी ने दलील दी कि इस्लाम में पुरुषों का खतना सभी देशों में मान्य है। पीठ ने वकील सुनिता तिवारी की ओर से जारी जनहित याचिका स्वीकार कर ली और इस पर अब 16 जुलाई को सुनवाई की जाएगी।  

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