Edited By Monika Jamwal,Updated: 01 Aug, 2018 01:39 PM
वैष्णो देवी यात्रियों की संख्या तय करने वाले मामले में देश की सर्वोच्च अदालत ने हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया।
जम्मू: वैष्णो देवी यात्रियों की संख्या तय करने वाले मामले में देश की सर्वोच्च अदालत ने हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यह मामला भक्तों की आस्था से जुड़ा है और इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। वहीं एससी ने कहा कि खच्च मालिकों के पुनर्वास के लिए क्या योजना है इस पर स्टेक होल्डर मीटिंग करके बता दें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वैष्णो देवी लोग दर्शन करने अपनी श्रद्धा से आते हैं और श्रद्धा से जुड़ा मामला है। वहीं याचिकाकर्ता ने अपनी तरफ से कहा था कि श्राइन बोर्ड को तय करना चाहिये कि कितने लोग दर्शन करने आ सकते हैं। कोर्ट ने खच्च मालिकों के पुनर्वास पर भी सुनवाई की और कहा कि समय के हिसाब से खच्चों को हटाना होगा और उनके लिए दूसरा विकल्प तलाश करना होगा।
वैष्णो देवी में खच्चरों की भरमार
वैष्णो देवी में मौजूदा समय में चार हजार से ज्यादा खच्चर हैं जो श्रद्धालुओं को बाण गंगा से भवन तक ले जाने और ले आने का काम करते हैं। कोर्ट ने कहा कि इतनी संख्या में खच्चरों को क्षण भर में नहीं हटाया जा सकता है बल्कि इसके लिए योजना तैयार करने की जरूरत है।
श्राइन बोर्ड का पक्ष
श्राइन बोर्ड ने अपना पक्ष रखते हुये कहा था कि सिर्फ वैष्णो देवी में ही खच्चरों का प्रयोग नहीं होता है बल्कि देश के दूसरे हिस्सों में भी इनसे काम लिया जाता है। केदारनाथ, नार्थ इस्ट और मनाली शिमला में भी इनको काम में लाया जाता है और सेना भी अपने सामान को ढोने में इनसे काम लेती है।