Edited By vasudha,Updated: 03 Jan, 2019 03:51 PM
उच्चतम न्यायालय ने वीरवार को कहा कि कंप्यूटर इंटरसेप्ट करने का अधिकार देने के मामले में जरूरत पडऩे पर ही सुनवाई होगी...
नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने वीरवार को कहा कि कंप्यूटर इंटरसेप्ट करने का अधिकार देने के मामले में जरूरत पडऩे पर ही सुनवाई होगी। कोर्ट ने कहा कि वह किसी भी कंप्यूटर प्रणाली से सूचनाएं निकालने, उनकी निगरानी और कूट भाषा का विश्लेषण करने के लिये 10 केन्द्रीय एजेन्सियों को अधिकृत करने संबंधी सरकारी अधिसूचना को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर आवश्यकता पडऩे पर ही सुनवाई करेगा।
एससी ने जल्द सुनवाई की उठाई मांग
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ के समक्ष अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने अपनी जनहित याचिका का उल्लेख करते हये इस पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसकी जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई की जानी चाहिए।
10 एजेंसियों को निगरानी के दिए आदेश
पीठ ने कहा कि हम देखेंगे। हम आवश्यकता पडऩे पर मामले को सूचीबद्ध करेंगे। नए आदेश के तहत अधिसूचित 10 एजेंसियों में खुफिया ब्यूरो, स्वापक नियंत्रण ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (आय कर विभाग), राजस्व आसूचना निदेशालय, केन्द्रीय जांच ब्यूरो, राष्ट्रीय जांच एजेन्सी, रॉ, सिग्नल खुफिया निदेशालय (जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर और असम में सक्रिय) और दिल्ली के पुलिस आयुक्त शामिल हैं।