SC ने तीन तलाक अध्यादेश के खिलाफ दायर या​चिका को किया खारिज

Edited By vasudha,Updated: 11 Mar, 2019 03:46 PM

sc rejects petition against triple talaq ordinances

उच्चतम न्यायालय ने तीन तलाक पर रोक संबंधी दूसरे अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई से सोमवार को इन्कार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने वकील रूपक कंसल की याचिका खारिज कर...

नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने तीन तलाक पर रोक संबंधी दूसरे अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई से सोमवार को इन्कार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने वकील रूपक कंसल की याचिका खारिज कर दी।
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 21 फरवरी को तीन तलाक पर रोक संबंधी मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) दूसरा अध्यादेश, 2019, को मंजूरी दी थी। मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अध्यादेश, 2019 के प्रावधानों को बनाये रखने के लिए तीसरी बार अध्यादेश लाया गया है। इसके जरिये तीन तलाक को अमान्य और गैर-कानूनी करार दिया गया है। इसे एक दंडनीय अपराध माना गया है, जिसके तहत तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। 
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विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के उद्देश्य से लाया गया यह अध्यादेश उन्हें उनके पतियों द्वारा तात्कालिक एवं अपरिवर्तनीय ‘तलाक-ए-बिद्दत‘ के जरिये तलाक दिए जाने को रोकेगा। इससे संबंधित विधेयक लोकसभा में पिछले साल पारित हो गया था, लेकिन राज्यसभा में सहमति न बन पाने के कारण पारित नहीं हो पाया था, जिसकी वजह से सरकार को अध्यादेश लाना पड़ा था। 
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 इसके बाद शीतकालीन सत्र में सरकार ने इस विधेयक में कुछ संशोधन करके इसे लोकसभा से फिर पारित करवा लिया था, लेकिन ऊपरी सदन में यह फिर लटक गया। इसके मद्देनजर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फिर से अध्यादेश लाने का निर्णय लिया था और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा था।

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