Edited By Yaspal,Updated: 27 Sep, 2021 06:37 PM
सुप्रीम कोर्ट ने नीट एसएस परीक्षा के सिलेबस में अंतिम समय में किए गए बदलाव को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए शीर्ष कोर्ट ने कहा कि वह युवा डॉक्टरों को सत्ता के खेल में फुटबॉल न बनाए। कोर्ट ने कहा, ''सत्ता के खेल में इन युवा...
नेशनल डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने नीट एसएस परीक्षा के सिलेबस में अंतिम समय में किए गए बदलाव को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए शीर्ष कोर्ट ने कहा कि वह युवा डॉक्टरों को सत्ता के खेल में फुटबॉल न बनाए। कोर्ट ने कहा, 'सत्ता के खेल में इन युवा डॉक्टरों को फुटबॉल मत समझो। हम इन डॉक्टरों को असंवेदनशील नौकरशाहों की दया पर नहीं छोड़ सकते। सरकार अपने घर को दुरुस्त करे। सिर्फ इसलिए कि किसी के पास शक्ति है, आप इसका किसी भी तरह इस्तेमाल नहीं कर सकते। यह उनके करियर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अब आप अंतिम समय में परिवर्तन नहीं ला सकते।
सुनवाई के दौरान जस्टिस बीवी नागरत्न ने कहा, 'इन युवा डॉक्टरों से फुटबॉल की तरह व्यवहार न करें, हम इन डॉक्टरों को असंवेदनशील नौकरशाहों की दया पर नहीं छोड़ सकते। आप अपनी व्यवस्थाएं सुधारिये, यदि किसी के पास ताकत है तो वह उसका मनचाहा इस्तेमाल नहीं कर सकता। यह उनके भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आप अंतिम समय में बदलाव नहीं कर सकते। अंतिम समय में बदलाव करने के कारण इन युवा डॉक्टरों के साथ छल हो सकता है।'
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'युवा डॉक्टरों के साथ संवेदनशीलता से पेश आएं। NMC (राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग) क्या कर रहा है? हम डॉक्टरों के जीवन से निपट रहे हैं। आप नोटिस जारी करते हैं और फिर पैटर्न बदल देते हैं? छात्र सुपर स्पेशियलिटी कोर्स की तैयारी महीनों पहले से शुरू कर देते हैं। परीक्षा से पहले अंतिम मिनटों को बदलने की आवश्यकता क्यों है? आप अगले वर्ष से परिवर्तनों के साथ आगे क्यों नहीं बढ़ सकते?'
दरअसल 41 पीजी क्वालिफाइड डॉक्टरों ने परीक्षा के पाठ्यक्रम में अचानक अंतिम क्षणों में बदलाव को चुनौती दी है। छात्रों की दलील है कि परीक्षा से महज 2 महीने पहले पैटर्न बदल दिया गया है। 20 सितंबर को SC ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) PG सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा -2021 के पाठ्यक्रम में अंतिम समय में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE), राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था।